Khabarwala 24 News New Delhi : Brain Stroke Rising Temperature एक नए शोध अध्ययन के मुताबिक तापमान में नाटकीय रूप से आ रहे बदलाव की वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। यह अध्ययन 1990 से 2019 तक के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें 200 से अधिक देशों में स्वास्थ्य और तापमान से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। 2019 में स्ट्रोक की वजह से हुई 5,21,031 मौतों के लिए कहीं न कहीं प्रतिकूल तापमान जिम्मेदार था। इसकी वजह से विकलांगता में भी बढ़ोतरी हुई है। जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि जलवायु परिवर्तन और स्ट्रोक के बीच सम्बन्ध को तो यह अध्ययन उजागर करता है, लेकिन जलवायु परिवर्तन स्ट्रोक का कारण बनता है, इसे पूरी तरह साबित करने के लिए अभी और शोध की जरूरत है।
91% मौतें तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से (Brain Stroke Rising Temperature)
स्ट्रोक की वजह से हुई 5 लाख से अधिक मौतों में से करीब 91 फीसदी मौतें आदर्श तापमान में भारी उतार-चढ़ाव के कारण हुईं थीं। स्ट्रोक की वजह से होने वाली इनमें से 474,002 मौतों के लिए आदर्श से ज्यादा तापमान जिम्मेदार था। इसके साथ ही बे मौसम की गर्मी, ठंड और बरसात जैसे कारण भी इसके लिए जिम्मेदार थे। इसके अलावा बढ़ते तापमान का प्रभाव भी तेजी से बढ़ रहा है।
स्ट्रोक के मामलों में चिंताजनक रूप से वृद्धि हुई (Brain Stroke Rising Temperature)
विशेष रूप से ऐसे क्षेत्र में जहां स्वास्थ्य देखभाल को लेकर असमानता मौजूद है वहां बढ़ते तापमान की वजह से बुजुर्गों के लिए स्ट्रोक का जोखिम बढ़ गया है। मध्य एशिया में बढ़ते तापमान की वजह से स्ट्रोक के मामलों में चिंताजनक रूप से वृद्धि हुई है। तापमान में आ रहे बदलावों की वजह से महिलाओं की तुलना में पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा कहीं अधिक है।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में खतरा अधिक (Brain Stroke Rising Temperature)
जहां तापमान में आए उतार-चढ़ाव से पुरुषों में स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु दर 7.7 प्रति दस लाख थी। वहीं महिलाओं में यह संख्या 5.89 दर्ज की गई। मध्य और दक्षिण एशिया में देखा गया है कि जहां महिलाओं के मुकाबले पुरुष अधिक गर्मी, कड़ी धूप और उमस भरे माहौल में ज्यादा काम करते हैं वहां स्ट्रोक का खतरा पुरुषों के लिए अधिक था।
50 लाख मौतों की वजह बन सकता है स्ट्रोक (Brain Stroke Rising Temperature)
जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार इस्केमिक स्ट्रोक की वजह से 1990 के दौरान दुनिया भर में 20 लाख लोगों की मौत हो गई थी। मौतों की यह संख्या 2019 में बढ़कर 30 लाख तक पहुंच गई। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि 2030 तक इस्केमिक स्ट्रोक 50 लाख से ज्यादा मौतों की वजह बन सकता है। इसके पीछे भी कहीं ना कहीं बढ़ता वैश्विक तापमान जिम्मेदार है।