Thursday, October 10, 2024

Akha Teej Sanatan Religion सनातन धर्म में बेहद खास त्योहार है अक्षय तृतीया, ये रहेगा खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Khabarwala 24 News New Delhi : Akha Teej Sanatan Religion सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद खास त्योहार माना जाता है। इसे अक्खा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में तरक्की होती है। अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ एवं धार्मिक कार्यों के अक्षय फल मिलते हैं। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं, इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है। अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय ना हो। माना जाता है कि इस तिथि को किए हुए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है। युधिष्ठिर को अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि यह परम पुण्यमयी तिथि है. इस दिन स्नान, दान, तप होम और तर्पण करने से व्यक्ति अक्षय पुण्यफल का भागी होता है।

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त (Akha Teej Sanatan Religion)

इस बार अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी. तृतीया तिथि की शुरुआत इस बार 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगा। अक्षय तृतीया का पूजन मुहूर्त 10 मई को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप सोना या चांदी की खरीदारी कर सकते हैं।

अक्षय तृतीया पर शुभ संयोग (Akha Teej Sanatan Religion)

ज्योतिषियो की मानें तो, अक्षय तृतीया के दिन इस बार दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस बार अक्षय तृतीया पर धन योग, गजकेसरी योग, शुक्रादित्य योग, रवि योग, शश योग और सुकर्मा योग का निर्माण होगा, जोकि बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है। दरअसल, अक्षय तृतीया के दिन शनि शश राजयोग का निर्माण करेंगे। मंगल और बुध की युति से मीन में धन योग का निर्माण होने जा रहा है। इसके अलावा बृहस्पति और चंद्रमा की वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे जिससे गजकेसरी योग का निर्माण होगा।

अक्षय तृतीया पूजन विधि (Akha Teej Sanatan Religion)

जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है, उसे पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए. घर में विष्णु जी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और तुलसी, पीले फूलों की माला या सिर्फ पीले फूल चढ़ाएं। धूप और घी की बाती का दीपक जलाएं और पीले आसन पर बैठें। विष्णु से संबंधित ग्रंथों जैसे विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करें। अंत में, विष्णु जी की आरती करें। इसके साथ ही यदि उपासक किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर सकता है या भोजन करा सकता है तो यह काफी अच्छा माना जाता है।

अक्षय तृतीया पर जरूर करें ये काम (Akha Teej Sanatan Religion)

ऐसी मान्यता है कि इस दिन परशुराम, नर-नारायण, हयग्रीव का अवतार हुआ था। इसी दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं। अक्षय तृतीया पर ऐसे कार्य करें, जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो। इस दिन ईश्वर की पूजा, उपासना, ध्यान जरूर करें. व्यवहार को मधुर बनाए रखें। सम्भव हो तो किसी व्यक्ति की सहायता करें। द्वार पर आए लोगों को खाली हाथ न लौटाएं। उन्हें दान-दक्षिणा अवश्य दें। अक्षय तृतीया पर सोना या कीमती वस्तु खरीदना भी शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया पर प्रचलित कथा (Akha Teej Sanatan Religion)

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक कहानी प्रचलित है- प्राचीन काल में एक गरीब, सदाचारी तथा देवताओं में श्रद्धा रखने वाला वैश्य रहता था। वह गरीब होने के कारण बड़ा व्याकुल रहता था। उसे किसी ने इस व्रत को करने की सलाह दी। उसने इस पर्व के आने पर गंगा में स्नान कर विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की व दान दिया। यही वैश्य अगले जन्म में कुशावती का राजा बना। अक्षय तृतीया को पूजा व दान के प्रभाव से वह बहुत धनी तथा प्रतापी बना। यह सब अक्षय तृतीया का पुण्य प्रभाव था।

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