Khabarwala 24 News Lucknow: UPPCL उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। ऊपर से बिजली की भयंकर कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। राजधानी लखनऊ से लेकर प्रदेश भर में हर जगह बिजली की आवाजाही से लोग परेशान हैं। बिजली की मांग 31,104 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन आपूर्ति इस मांग को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही है।
बिजली कटौती ने छीनी रातों की नींद (UPPCL)
यूपी में गर्मी का सितम इस कदर बढ़ गया है कि दिन में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है, और रातें भी सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा गर्म हैं। इस बीच बिजली की कटौती ने लोगों का हाल और बुरा कर दिया है। रोस्टर के हिसाब से भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जानकारों का कहना है कि हर रात औसतन 1.5 से 2 घंटे की अनिवार्य कटौती हो रही है। अगर लोकल फॉल्ट और ब्रेकडाउन को भी जोड़ा जाए, तो लखनऊ और वाराणसी जैसे महानगरों में भी 3 से 4 घंटे तक बिजली गुल रह रही है।
बुधवार रात को लखनऊ में 1 घंटे 38 मिनट और गुरुवार रात को 2 घंटे से ज्यादा की कटौती हुई। लो वोल्टेज की समस्या ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गर्मी में एसी और कूलर बेकार हो रहे हैं, और लोग रातों को जागने को मजबूर हैं। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बिजली कटौती से गर्मी में लोगों में हा-हाकार मचा हुआ है।
बिजली की मांग आपूर्ति से ज्यादा (UPPCL)
गर्मी और बिजली की बढ़ती मांग ने ट्रांसफॉर्मरों पर जबरदस्त दबाव डाला है। तपते मौसम में ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होकर गर्म हो रहे हैं, और उन्हें ठंडा करने के सारे जतन फेल हो रहे हैं। यही वजह है कि बिजली उपकेंद्रों को बार-बार शटडाउन लेना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ये लोकल फॉल्ट की वजह से हो रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि बिजली की मांग आपूर्ति से कहीं ज्यादा है।
ट्रांसफॉर्मरों का हाल बेहाल, हर दिन सैकड़ों खराब (UPPCL)
इस साल अप्रैल और मई में 100 केवीए से ज्यादा क्षमता के 2,613 ट्रांसफॉर्मर फुंक चुके हैं। जून में हर दिन औसतन 500 से ज्यादा बड़े ट्रांसफॉर्मर और 700 छोटे ट्रांसफॉर्मर (100 केवीए से कम) खराब हो रहे हैं। हालांकि, बीते सालों की तुलना में ट्रांसफॉर्मरों की क्षतिग्रस्तता में कुछ कमी आई है, लेकिन ये राहत जनता तक नहीं पहुंच रही। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गर्मियों की शुरुआत में ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत करवाई जाए और ओवरलोडिंग रोकी जाए। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है।सरकार का दावा है कि 9 जून को 31,104 मेगावॉट की रिकॉर्ड आपूर्ति की गई, लेकिन इसके बावजूद कटौती थम नहीं रही।