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Hapur गुरु पूर्णिमा 2025: अग्रसेन भवन में भक्ति का महासंगम, अरुण गोविल ने किए दर्शन, गुरुदेव सुशांत तोमर के दरबार में उमड़े श्रद्धालु

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Khabarwala 24 News Hapur:  Hapur उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गढ़ दिल्ली रोड स्थित अग्रसेन भवन में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर भव्य दरबार का आयोजन किया गया। इस भक्ति और श्रद्धा के महासंगम में गुरुदेव सर्वश्री सुशांत तोमर जी ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। गुरुदेव ने बताया कि शास्त्रों में गुरु का स्थान सर्वोच्च माना गया है। उन्होंने कहा, “ग्रंथों में उल्लेख है कि गुरु ही जीवन के सच्चे मार्गदर्शक हैं। ‘मोहे लागी लगन गुरु चरणों की’ और ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाए, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताये’ जैसे दोहे गुरु की महिमा को दर्शाते हैं।”

भजनों पर जमकर झूमे श्रद्धालु (Hapur)

इस अवसर पर श्री बालाजी महाराज के भजनों की मधुर स्वरलहरियों पर श्रद्धालु झूमते और नाचते नजर आए। देश के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों ने गुरुदेव सुशांत तोमर जी के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। बरेली, मुरादाबाद, बृजघाट, मेरठ, जयपुर, दिल्ली, खुर्जा, बुलंदशहर, गुलावठी, देवभूमि, सपनावत, समाना, गाजियाबाद, दादरी, और बागपत जैसे क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

दरबार में शामिल हुए सांसद अरुण गोविल (Hapur)

इस भव्य आयोजन में मेरठ-हापुड़ के सांसद और रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने गुरुदेव सुशांत तोमर जी को गुरु रूप में सम्मानित किया और उनकी पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नगर, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मालती भारती, और अलका निगम गुरु राधिका किन्नर (सहारनपुर) ने भी बाबा बालाजी के दर्शन किए और गुरुदेव के चरणों में श्रद्धा अर्पित की।

Hapur-
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गुरु पूर्णिमा का महत्व और उत्सव (Hapur)

गुरु पूर्णिमा का यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है। इस दिन को महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने महाभारत और अठारह पुराणों की रचना की। हापुड़ के अग्रसेन भवन में आयोजित इस दरबार में भक्तों ने न केवल गुरुदेव सुशांत तोमर जी का आशीर्वाद लिया, बल्कि श्री बालाजी महाराज की भक्ति में लीन होकर प्रसाद भी ग्रहण किया।

भक्ति और उत्साह का माहौल (Hapur)

आयोजन स्थल को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिसने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। भजनों की स्वरलहरियों ने श्रद्धालुओं के मन को आनंदित किया। सुबह से ही दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी थीं, और भक्तों ने उत्साहपूर्वक गुरु पूर्णिमा के इस पर्व को मनाया।

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