हापुड़, 18 दिसंबर (Khabarwala24)। हापुड़ जिले के कोतवाली क्षेत्र में एक व्यक्ति की हैदराबाद में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों के आरोपों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। मृतक के भाई ने फैक्ट्री मालिकों पर मारपीट का आरोप लगाया था, जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारण का पता चल सकेगा। पुलिस जांच जारी है।
परिजनों का आरोप और शिकायत
हापुड़ के आवास विकास कॉलोनी निवासी गालिब खान ने जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय को शिकायती पत्र दिया। इसमें उन्होंने बताया कि उनका भाई अमजद खान पिछले 9-10 साल से बुलंदशहर रोड स्थित एक फैक्ट्री मालिक की हैदराबाद के जलपट्टी इलाके में गोदाम में चैकर (सलैक्टर) के तौर पर काम करता था। फैक्ट्री का कारोबार पतऔझड़ी (ओमासम) से जुड़ा बड़ा व्यवसाय है।
28 नवंबर को गोदाम में कुछ माल उतरा, जिसे अमजद ने चोरी का बताया। इस बात से नाराज होकर फैक्ट्री मालिक और उसके बेटों ने कथित तौर पर लाठी-डंडों से अमजद की पिटाई की। परिजनों का कहना है कि आरोपी अमजद को मृत अवस्था में हापुड़ लेकर आए और अस्पताल में भर्ती होने की झूठी जानकारी दी। फर्जी कागजात दिखाकर गुमराह करने की कोशिश की गई।
शव हापुड़ लाए जाने पर शरीर पर चोट के निशान दिखे। आरोपियों ने पहले झगड़े की बात कही और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। लेकिन 3 दिसंबर को बात करने पर गाली-गलौज की और कहा कि रास्ते में मौत हो गई। कोई मदद या तनख्वाह नहीं देंगे। गालिब खान ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने मामले की जांच एसडीएम सदर ईला प्रकाश और सीओ सिटी को सौंपी। जांच के लिए रिपोर्ट मांगी गई। निर्देश पर गुरुवार को एसडीएम सदर ईला प्रकाश और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट पुलिस टीम के साथ सिकंदरागेट कब्रिस्तान पहुंचे।
पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में कब्र खोदकर शव निकाला गया। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसडीएम ईला प्रकाश ने बताया कि परिजनों ने मारपीट के कारण 29 नवंबर को मौत होने और 1 दिसंबर को दफनाने का आरोप लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा।
थाना प्रभारी देवेंद्र बिष्ट ने कहा कि जांच चल रही है। पूरी जांच के बाद ही आगे की बात कही जा सकती है। फिलहाल कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन रिपोर्ट का इंतजार है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ और नियम
ऐसे मामलों में अगर संदिग्ध मौत के आरोप लगते हैं तो प्रशासन शव का दोबारा पोस्टमार्टम करा सकता है। यह प्रक्रिया परिजनों की शिकायत और जांच के आधार पर होती है। हापुड़ पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
यह मामला मजदूरों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर हिंसा के मुद्दे को फिर से उजागर करता है। परिजन न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि जांच पूरी होने का इंतजार है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
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