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Hapur मातृभाषा है यह मेरी,मेरा अभिमान है हिंदी…

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Khabarwala 24 News Hapur : Hapur लायंस क्लब हापुड़ गौरव के तत्वावधान में यहां गढ़ रोड स्थित गौशाला में कवि साहित्यकारों का सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मंच का संचालन साहित्यकार एवं कवि डा अनिल बाजपेई ने किया एवम अध्यक्षता डा आराधना बाजपेई ने की।

मेरा सम्मान है हिन्दी… (Hapur)

कवि सम्मेलन का शुभारंभ सिंगर अनामिका शर्मा ने ईश वंदना करके किया। कवि सम्मेलन की मुख्य अतिथि आर्य कन्या डिग्री कॉलेज की प्रधानाचार्य डा साधना तोमर ने पढ़ा” मेरा गौरव मेरा मान,मेरा सम्मान है हिन्दी। मेरे संस्कारों में बसी, मेरा अरमान है हिन्दी।मातृस्वरूपिणी है यह,राष्ट्र की शान है हिन्दी। मातृभाषा है यह मेरी,मेरा अभिमान है हिंदी।

Hapur मातृभाषा है यह मेरी,मेरा अभिमान है हिंदी...

एक शब्द में है बसा,गीत और संगीत (Hapur)

साहित्यकार एवं कवि डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,”दुनियां में बस गूंजता,केवल यही निनाद। तारा हैं भाषा सभी,हिंदी पूनम चांद। “हिंदी मां का रूप है, पावन और पुनीत!एक शब्द में है बसा,गीत और संगीत”

नींद आएगी तो ख्वाबों में मिलूंगा तुमको (Hapur)

डा सतीश वर्धन ने पढ़ा,” महके महके से गुलाबों में मिलूंगा तुमको, नींद आएगी तो ख्वाबों में मिलूंगा तुमको, इतना मशहूर हुआ तुमसे मुहब्बत करके, मार गया तो किताबों में मिलूंगा तुमको।

सागर को चीर दे वो पतवार चाहती हूं (Hapur)

डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,”मरूथल में एक निर्मल जलधार चाहती हूं, सागर को चीर दे वो पतवार चाहती हूं, हिंदू हैं हमवतन हैं, हिंदोस्ता हमारा,हिंदी को मिले सबका ही प्यार चाहती हूं।

आओ मिलकर करें श्रंगार हिंदी का (Hapur)

प्रख्यात साहित्यकार समीक्षक राज चेतन्य ने पढ़ा,”आओ मिलकर करें श्रंगार हिंदी का। जन जन के दिल में हो सत्कार हिंदी का। जननी – जन्मभूमि सा प्यार दें इसको,गूंजे सारे विश्व में जयकार हिंदी का।

कवि एवं साहित्यकार समाज के पथप्रदर्शक (Hapur)

इस अवसर पर सभी साहित्यकारों को पटका,प्रतीक चिन्ह,एवं सम्मानपत्र भेंटकर सम्मान किया गया।विशिष्ट अतिथि लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट जनसंपर्क अधिकारी अनुज गोयल ने कहा कवि एवं साहित्यकार समाज के पथप्रदर्शक हैं। रीजन चेयरपर्सन अनुज मित्तल ने कहा कवि की लेखनी दिशा देने का कार्य करती है। सूर कबीर तुलसी जायसी जैसे महाकवि इस बात के उदाहरण हैं।वरिष्ठ पदाधिकारी सिमरन गोयल ने कहा अन्य भाषाएं नदी हैं तो हिंदी मां गंगा है।पारुल जिंदल ने कहा हिंदी जनमानस की भाषा है। सचिव शालू ग्रोवर ने कहा हिंदी हमारे दिलों में समाई हुई है। आरती सिंघल ने कहा हिंदी संस्कार और हमारी धरोहर है।रेखा सिंह ने कहा हिंदी हमारी आत्मा है प्राण है।

यह रहे मौजूद (Hapur)

इस अवसर पर डा आराधना बाजपेई, सिमरन गोयल, पारुल जिंदल, शालू ग्रोवर, आरती सिंघल, रेखा सिंह, जागृति शर्मा, डा सीमा सिंह, मिली सिंघल ,शिल्पा त्यागी, नीतू गर्ग, मंजू गर्ग, ज्योति साहनी, मनीषा शर्मा,उपस्थित थे।

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