Khabarwala 24 News Hapur: यूपी के जनपद (Hapur) में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अवर अभियंता अशोक कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के मामले में अब अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से विभाग में अफरा-तफरी का माहौल है, और अन्य अधिकारियों पर भी जांच की तलवार लटक रही है।
क्या था पूरा मामला (Hapur)
गांव शिवाया निवासी ठेकेदार संदीप कुमार उर्फ संजू राणा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में उन्होंने PWD के तहत पिलखुवा के डूहरी बिजली घर से गांव डहूरी तक सड़क मरम्मत का टेंडर लिया था। इस परियोजना की लागत 4.68 लाख रुपये थी। ठेकेदार का आरोप है कि अशोक कुमार ने बिल पास करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। परेशान होकर संदीप ने मेरठ की एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। मंगलवार को एंटी करप्शन ने PWD कार्यालय में छापा मारकर अशोक कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उसी दिन बाबूगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
निलंबन और विभाग में हड़कंप (Hapur)
लोक निर्माण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों ने अशोक कुमार के निलंबन की सिफारिश की थी, और मुख्यालय ने फाइल की समीक्षा के बाद उन्हें निलंबित कर दिया। अधिशासी अभियंता शैलेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन अन्य जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। इस घटना ने विभाग में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर किया है, और सूत्रों के मुताबिक, ठेकेदार और अशोक कुमार की पूछताछ में अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिससे उनकी जांच शुरू होने की संभावना है।
भ्रष्टाचार पर सख्ती (Hapur)
एंटी करप्शन और विजिलेंस ने हाल के वर्षों में रिश्वतखोरी के कई मामलों में कार्रवाई की है। हापुड़ में पहले भी अभियंताओं और लेखपालों को रंगे हाथों पकड़ा गया है। यह घटना सरकारी विभागों में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को दर्शाती है, जिस पर अंकुश लगाने के लिए और सख्त कदमों की जरूरत है।

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