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Hapur शहीद मेला: एक शाम शहीद चौधरी जबरदस्त खां के नाम में 1857 के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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Khabarwala 24 News Hapur: Hapur  शहीद मेला समिति और आओ पढ़े सोसाइटी के तत्वावधान में रामलीला मैदान में आयोजित शहीद मेले में एक शाम शहीद चौधरी जबरदस्त खां के नाम कार्यक्रम के तहत 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर की बहादुर सैन्य अधिकारियों विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की वीरता की जमकर सराहना की गई। शमा रोशन मेला अध्यक्ष ललित अग्रवाल (छावनी वाले) ने इन महिला अधिकारियों के साहस को देश के लिए प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, कवि सम्मेलन और मुशायरे ने सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत महावीर वर्मा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। संचालन का जिम्मा कुशलतापूर्वक महेश वर्मा ने संभाला, जबकि हम्द की प्रस्तुति मुशर्रफ चौधरी ने दी। मुशायरा रात 2 बजे तक पूरे उत्साह के साथ चला, जिसमें देशभक्ति और सामाजिक एकता से भरे शेरों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

मुशायरे की चुनिंदा शायरी

मुशायरे में कई शायरों ने अपनी रचनाओं से देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया। कुछ उल्लेखनीय शेर इस प्रकार हैं:

मलिक जादा जावेद (लखनऊ):

वतन से जो नहीं करते मोहब्बत, दिमागी तौर पे बीमार होंगे।

सैफ बाबर (लखनऊ):

हम नींद से उठ जाते हैं ये सोच के अक्सर, इस मुल्क की सरहद ने पुकारा तो नहीं है।

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फसीह चौधरी:

कोई देता नहीं मजदूर को कीमत पूरी, हो जरूरत तो खरीदार बदल जाते हैं।

असलम जावेद:

तिरंगा उस से लिपट कर ही प्यार करता है, जो अपनी जान वतन पर निसार करता है।

मुशर्रफ चौधरी:

जो रिश्तों से प्यार मिटा दे, ऐसा रिश्तेदार हटा दे।

महेश वर्मा:

कुचल डालो फनों को मुल्क में जो नाग बैठे हैं, कि गद्दारों के मरने से वतन खाली नहीं होता।

महावीर वर्मा मधुर:

हिन्दू-मुस्लिम बाद में हैं हम, हम पहले भारतवासी हैं।

अनवर गाजियाबादी:

बना कर नक्शा-ए-हिन्दोस्तान कागज पर, समेट लाया हूँ सारा जहान कागज पर।

फराज चौधरी:

मुझे क्या पता पण्डित रहता है या मौलवी पड़ोस में मेरे, अब अपार्टमेंट होते हैं फराज मोहल्ले नहीं होते।

ऑपरेशन सिंदूर की वीरांगनाओं का सम्मान

कार्यक्रम में हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा प्रमुख रही। इस ऑपरेशन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेला समिति ने इन दोनों अधिकारियों की बहादुरी को सलाम करते हुए उन्हें देश की प्रेरणा बताया। ललित अग्रवाल ने कहा, ये वीरांगनाएं हमारी नई पीढ़ी के लिए आदर्श हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व साहस दिखाया।

सम्मान समारोह

मेला समिति ने सभी शायरों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में ललित अग्रवाल (छावनी वाले), मुकुल त्यागी, आशुतोष आजाद, सैय्यद अयाज, फजलुर्रहमान, मुशीर सभासद, डॉ. अकील मलिक, दानिश कुरैशी, रियाजुद्दीन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शायरों और आयोजकों की सराहना की।

आयोजन की विशेषताएं

शहीद मेला एक महीने तक चलता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, कवि सम्मेलन, और मुशायरे जैसे आयोजन शामिल होते हैं। यह मेला न केवल शहीदों की स्मृति को जीवित रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और देशभक्ति को भी बढ़ावा देता है। इस वर्ष का मुशायरा विशेष रूप से सफल रहा, जिसमें शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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