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Hapur चिकित्सा पेशेवरों में तनाव और मृत्यु दर की बढ़ती प्रवृत्ति पर हुआ सेमिनार, विभिन्न मुद्दों पर की खुलकर चर्चा

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Khabarwala 24 News Hapur: Hapur इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हापुड़ ने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सहयोग से जिमखाना क्लब में “चिकित्सा पेशेवरों में तनाव और मृत्यु दर की बढ़ती प्रवृत्ति” के विषय पर एक (सी.एम.ई.) सेमिनार का आयोजन किया गया।

सीएमई का किया उद्घाटन (Hapur)

सी.एम.ई का उद्घाटन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हापुड़ शाखा के अध्यक्ष डा. मनोज कुमार जैन, सचिव डा. गौरव मित्तल एवं सेवानिवृत्त सी.एम.ओ. डा. रेखा शर्मा द्वारा किया गया। सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रधानाचार्य डॉ. आर. के. सहगल के द्वारा सभा का स्वागत किया गया। डॉ. पालकी नारंग ने सी.एम.ई. का संचालन किया एवं अध्यक्ष के रूप में डॉ. आशा मिश्रा और डॉ. वी.पी. अग्रवाल उपस्थित रहें।

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स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले खतरों के बारे में बताया (Hapur)

सी.एम.ई. में डॉ. राहुल रामटेके, चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट सिम्स ने तनाव के कारण चिकित्सा पेशेवरों में होने वाली समस्याओं और इसके कारण उनके स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले खतरों के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें प्रतिरक्षा स्तर में कभी शामिल है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वास्थ्य कर्मियों को समय-समय पर अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करनी चाहिए। हालांकि, फिर भी यह आनुवंशिक कारणों से होने वाले बीमारियों को रोका नहीं जा सकता है। स्वास्थ्य कर्मियों को भी एक मानव के रूप में देखा जाना चाहिए, और उनकी भी कुछ सीमाएं है। सतही या अस्थायी मूल्यांकन और पुरस्कार के बजाय, हमें स्वास्थ्य कर्मियों पर बोझ को अधिक स्थायी आधार पर कम करने के लिए सुरक्षात्मक और निवारक उपायों में निवेश करने और उन्हें तेज करने की आवश्यकता है।

तनाव, बोझ और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का करना पड़ता है सामना (Hapur)

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सेवा स्वास्थ्य कर्मियों को अपने अधिक काम के परिणामस्वरूप तनाव, बोझ और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मियों जिन्हें विशेषतय आपात विभागों एवं कम संसाधन वाले चिकित्साल्यों में काम करना पड़ता है और जहां छोटी-छोटी गलतियों के लिए उनके ऊपर दोषारोपण किया जाता है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य कर्मी अधिक तनाव में रहते है।

विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा (Hapur)

डॉ. राहुल रामटेक के द्वारा यह भी बताया गया कि “स्वास्थ्यकर्मियों को मनोवैज्ञानिक रूप से स्वास्थ्य रखने के लिए उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिये उन्हें समय-समय पर सम्मान दिया जाना चाहिए। इसके बाद सी.एम.ई. में प्रश्न और उत्तर सत्र शुरू किया गया, विभिन्न मुददों पर चर्चा की

यह रहे मौजूद (Hapur)

इस अवसर पर डॉ. विमलेश शर्मा, डॉ. दुष्यन्त बंसल, डॉ. विक्रांत बंसल, डॉ. एन.एम. सिंह, डा. सौरभ गोयल, डा. रेनु बंसल और इसके अतिरिक्त सिम्स से वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जे.के. गोयल, डॉ. अभिषेक, डॉ. योगेश गोयल, डॉ. हर्ष प्रताप सिसौदिया, सचिव एम. नटराजन एवं हॉस्पिटल मैनेजर श्री जय कुमार सिंह। सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. जे. रामाचंद्रन एवं उपाध्यक्ष राम्या रामाचंद्रन ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आई.एम.ए. हापुड़ के अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों को बधाई दी।

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