Khabarwala 4 News Lucknow: Ganga Express Way उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। मेरठ से प्रयागराज तक फैले इस 594 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर कुल 94% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और शेष 6% काम को फाइनल टच दिया जा रहा है।
पूर्वांचल से दिल्ली-एनसीआर तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी (Ganga Express Way)
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2025 के अंत तक ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है, जबकि दिसंबर 2025 के पहले सप्ताह में वाहनों के लिए इसे चालू किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज करेगा, बल्कि पूर्वांचल से दिल्ली-एनसीआर तक कनेक्टिविटी को क्रांतिकारी रूप से बदल देगा।
निर्माण की प्रगति: तीन सेक्शन में बंटा सफर, तीसरा सेक्शन अंतिम पड़ाव पर (Ganga Express Way)
गंगा एक्सप्रेसवे को तीन मुख्य सेक्शन में बांटा गया है, और प्रत्येक का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है:
- पहला सेक्शन (मेरठ से बदायूं तक, 129.7 किमी): यह हिस्सा पूरी तरह तैयार है। मेरठ जिले में मात्र 14.95 किमी, हापुड़ में 33.3 किमी, अमरोहा में 26.15 किमी, बुलंदशहर में 10.5 किमी, संभल में 38.78 किमी और बदायूं में 6.02 किमी का निर्माण पूर्ण हो चुका है। कुल 322 बड़े स्ट्रक्चर (पुल, ओवरब्रिज आदि) यहां बनाए गए हैं। मेरठ में हापुड़ रोड पर बिजौली गांव से यह एक्सप्रेसवे कनेक्ट होगा। केवल फाइनल टच और सेफ्टी चेक बाकी हैं, जो अगले कुछ दिनों में पूरे हो जाएंगे।
- दूसरा सेक्शन (बदायूं से उन्नाव तक): लगभग 95% काम समाप्त। यहां भी अधिकांश स्ट्रक्चर तैयार हैं, और सड़क की पेविंग (बिछाव) पूरी हो चुकी है।
- तीसरा सेक्शन (उन्नाव-हरदोई क्षेत्र से प्रयागराज तक): यह सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, जहां अभी नाममात्र का काम बाकी है। उन्नाव और हरदोई के पास कुछ पुलों और इंटरचेंज का निर्माण चल रहा है। यूपीडा ने 25 नवंबर तक सभी काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। कुल 1,498 बड़े स्ट्रक्चर में से 1,497 बन चुके हैं।
कुल मिलाकर, परियोजना की लागत 36,404 करोड़ रुपये है, और यह 6-लेन वाला एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है। 28 फ्लाईओवर, 126 पुल, 9 जन सुविधा परिसर (वेअरहाउस, लॉजिस्टिक हब), 2 मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) और 15 रैंप टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों (मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज) के 518 गांवों से गुजरेगा।
यात्रा का समय: 11-12 घंटे से घटकर 6-7 घंटे, स्पीड लिमिट 100-120 किमी/घंटा (Ganga Express Way)
- वर्तमान में मेरठ से प्रयागराज का सफर एनएच-24 और अन्य रूट्स से 11-12 घंटे लेता है।
- एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड 100-120 किमी/घंटा निर्धारित की जा रही है, जिससे यह दूरी सिर्फ 6-7 घंटे में तय हो जाएगी।
- प्रयागराज के जूदापुर दांडू गांव (एनएच-19 पर) से समाप्त होने वाला यह रूट पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इससे वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया जैसे जिलों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
- दूसरे चरण में प्रयागराज से बलिया (बिहार सीमा) तक 350 किमी का एक्सटेंशन प्लान है, जिससे कुल लंबाई 944 किमी हो जाएगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: 150 हेक्टेयर में औद्योगिक गलियारा (Ganga Express Way)
- एक्सप्रेसवे के किनारे मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक क्लस्टर, लॉजिस्टिक हब और वेयरहाउस बनेंगे। इससे 27 नए औद्योगिक और लॉजिस्टिक क्लस्टर विकसित होंगे, जो लाखों रोजगार पैदा करेंगे।
- रक्षा कॉरिडोर से जुड़ाव मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा।
- प्रयागराज मेंर रिंग रोड का विस्तार 65 से बढ़ाकर 71 किमी किया जा रहा है, ताकि महाकुंभ-2025 के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन आसान हो।
हालिया अपडेट और चुनौतियां (Ganga Express Way)
- ट्रायल और उद्घाटन: नवंबर अंत या दिसंबर प्रारंभ में ट्रायल रन। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन की संभावना। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में जून 2026 तक पूर्ण चालू होने का अनुमान है, लेकिन यूपीडा दिसंबर 2025 का लक्ष्य बरकरार रखे हुए है।
- नोएडा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी: 74 किमी लंबा यमुना-गंगा लिंक एक्सप्रेसवे (लागत 4,000 करोड़) से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जुड़ेगा। 5 हाईवे और इंटरचेंज कनेक्ट होंगे।
- हरिद्वार विस्तार: मुजफ्फरनगर और बिजनौर से गुजरते हुए हरिद्वार तक एक्सटेंशन का सर्वे चल रहा है, जिससे शुकतीर्थ और विदुर कुटी जैसे स्थलों को लाभ मिलेगा।
- चुनौतियां: निर्माण के दौरान कुछ हादसे (जैसे अमरोहा में संदिग्ध मौत, उन्नाव में बस दुर्घटना) रिपोर्ट हुए, लेकिन सुरक्षा पर फोकस बढ़ा दिया गया है। बिजनौर जिले के लोग रूट बदलाव की मांग कर रहे हैं।
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