CM YOGI Khabarwala24 News Lucknow: उत्तर प्रदेश में आवास विकास आवंटियों से दाखिल खारिज के नाम पर मनमाना शुल्क वसूल रहा है। शासनादेश की परवाह किए बिना पहले की तरह ही संपत्ति का एक प्रतिशत शुल्क वसूला जा रहा है। इसे लेकर सीएम योगी सख्त हो गए हैं। CM YOGI सीएम योगी ने अधिकतम शुल्क तय कर दिया है। आवंटियों को लिए सीएम योगी के लिए यह सौगात माना जा रहा है।
आपको बता दें कि , CM YOGI सीएम योगी योगी आदित्यनाथ को दाखिल खारिज के नाम पर लोगों से ज्यादा शुल्क वसूलने की जानकारी मिली थी। इसका उन्होंने बैठक में जिक्र करते हुए शुल्क कम करने का निर्देश दिया था। इस पर अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 25 जुलाई 20222 को अधिसूचना जारी कर दी थी। इसमें कम से कम एक हजार और अधिकतम 10 हजार रुपये ही शुल्क की व्यवस्था दी गई। इससे प्रदेश भर में दाखिल खारिज का शुल्क एक समान हो गया था। इससे ज्यादा कोई नहीं ले सकता है। प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण इसी आधार पर शुल्क वसूल रहे हैं पर आवास विकास मनमानी कर रहा है।
कितना अधिक पड़ रहा शुल्क
गरीबों के पांच लाख तक के मकान के लिए केवल एक हजार रुपये शुल्क निर्धारित है । बताया जाता है कि आवास विकास पांच हजार रुपये वसूल रहा है। 50 लाख के मकान के लिए 50 हजार देना पड़ रहा है। डेढ़ करोड़ के मकान, फ्लैट व प्लॉट के लिए लोगों को 1.50 लाख रुपये जमा करना पड़ रहा है। इससे प्रदेश भर में हजारों लोग पेरशान हैं।
4695 का दाखिल खारिज कर चुका है आवास विकास
आन लाइन की जाती है दाखिल खारित
आवास विकास ऑनलाइन दाखिल खारिज करता है। अब तक उसके पास कुल7817 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें से 4695 लोगों का दाखिल खारिज कर चुका है। 618 लोगों का लम्बित है, जिनमें से 271 लोगों का तो समय भी निकल चुका है। फिर भी आवास विकास ने काम नहीं किया। जिन लोगों ने शासनादेश के मुताबिक शुल्क जमा करने की बात कही, उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। सब मिलाकर 2504 लोगों के आवेदन निरस्त किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरणों व आवास विकास सभी के लिए दाखिल खारिज शुल्क निर्धारित किया गया था। आवास विकास परिषद क्यों इस आदेश को नहीं मान रहा है, इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी। आवास आयुक्त शहर से बाहर हैं। बुधवार तक आएंगे। इस प्रकरण में उनसे रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी।
क्या हैं शासनादेश में शुल्क की दरें
सम्पत्ति की कीमत निर्धारित शुल्क
पांच लाख तक 1000
पांच से अधिक व 10 लाख तक 2000
10 लाख से अधिक 15 लाख तक 3000
15 लाख से अधिक 50 लाख तक 5000
50 लाख से अधिक पर 10000