Khabarwala 24 News New Delhi : Test Cricket Fastest Format टेस्ट क्रिकेट में हमेशा ही लीड चढ़ाने, लीड उतारने, फॉलोऑन देने, फॉलोऑन उतारने और फिर इन सबके बीच टारगेट बड़ा हो तो ड्रॉ के लिए जद्दोजहद करने का रोमांच देखने को मिला है या कह दें कि अब ऐसा रोमांच देखने को मिलता ही नहीं है।
यह रोमांच कहीं गुम सा होता जा रहा है। इसके कारण एक नहीं अनेक हैं मगर फैन्स और दिग्गज इसमें बड़ा कारण फटाफट क्रिकेट यानी टी20 फॉर्मेट को मानते हैं। इस रोमांच के गुम होने के कारण एक नहीं अनेक हैं मगर यहां कुछ प्रमुख कारणों पर गौर कर सकते हैं।
IPL फ्रेंचाइजी उन पर से अपनी दिलचस्पी ना हटाएं (Test Cricket Fastest Format)
टेस्ट को रोमांचक बनाने के अलावा फटाफट क्रिकेट खेलने की रणनीति अपनाने की एक वजह शायद यह भी हो सकती है कि बल्लेबाज अपने गेम को टेस्ट के हिसाब से ढालना नहीं चाहते ताकि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसी तमाम लीग की फ्रेंचाइजी उन पर से अपनी दिलचस्पी ना हटाएं। यदि पिछले 10 टेस्ट मैचों का ही रिकॉर्ड देखें तो इसमें सिर्फ एक मैच ही ऐसा रहा है, जो 5वें दिन तक चला है। 9 मुकाबले तो 4 या उससे कम ही दिनों में खत्म हो गए हैं।
मैच में फटाफट क्रिकेट का रंग चढ़ता दिख रहा है (Test Cricket Fastest Format)
टी20 फॉर्मेट का असर यह देखने को मिल रहा है कि अब टेस्ट मैच बहुत ही कम ड्रॉ हो रहे हैं। इस 5 दिवसीय मैच में भी फटाफट क्रिकेट का रंग चढ़ता दिख रहा है। तभी तो ‘बैजबॉल’ जैसे नए रंग और ढंग इस फॉर्मेट में भी देखने को मिल रहा है। टेस्ट मैच अब भी पांच दिनों का होता है, लेकिन पांचवें दिन तक चलता बहुत ही कम है। ज्यादातर टेस्ट 4 या उससे कम दिनों में ही खत्म हो जाते हैं यानी नतीजा निकलने का प्रतिशत 90 से ज्यादा का हो गया है।
ड्रॉ के लिए जद्दोजहद का रोमांच पूरी तरह से गुम (Test Cricket Fastest Format)
खिलाड़ियों के बीच ड्रॉ के लिए जद्दोजहद करने का रोमांच पूरी तरह से गुम हो गया है। यह बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। हम ज्यादा नहीं, सिर्फ पिछले एक साल का रिकॉर्ड देखें तो इस दौरान कुल 46 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से 9 टेस्ट मैच ही 5 दिन तक चले. कई टेस्ट मैच 3 दिन या 2 दिन में ही खत्म हो गए। बड़ी बात तो यह है कि इन 46 में से सिर्फ एक ही टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ है।
टेस्ट में रोमांच के लिए सपोर्टिंग पिच बनाई जा रहीं (Test Cricket Fastest Format)
कुछ दिग्गजों का मानना है कि टी20 फॉर्मेट आने से टेस्ट फीका होता जा रहा है। ऐसे में इस फॉर्मेट में भी रोमांच लाना चाहिए। यह रोमांच लाने की एक वजह दर्शकों को आकर्षित करना और ब्रॉडकास्टर्स को लुभाना भी मान सकते हैं। यही वजह है कि टेस्ट में रोमांच लाने के लिए सपोर्टिंग पिच बनाई जा रही हैं। इसकी भी बड़ी भूमिका है कि टेस्ट अब 4 या उससे कम ही दिनों में खत्म हो जा रहे हैं।
सीमित ओवर्स या टी20 खेलने के आदी हो चुके हैं (Test Cricket Fastest Format)
टी20 फॉर्मेट के बाद से ज्यादातर या कहें कि 90 प्रतिशत बल्लेबाज अब फटाफट क्रिकेट खेलने के आदी हो चुके हैं वो अब टेस्ट में भी यही चीजें अप्लाई करते दिखते हैं। इंग्लैंड टीम टेस्ट में बैजबॉल लेकर आई। इसका मतलब टेस्ट में तेजी से रन बटोरना है यानी फटाफट क्रिकेट खेलना। भारतीय टीम ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में यही आक्रामक रुख अपनाया था।
टेस्ट लायक तकनीक की उपेक्षा कर रहे बल्लेबाज (Test Cricket Fastest Format)
दरअसल, टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बल्लेबाजों में एक अलग ही तरह की तकनीक होनी चाहिए। इससे उस प्लेयर को ज्यादा देर तक गेंदबाजों को खेलने में मदद मिलती है मगर बल्लेबाज उस टेस्ट तकनीक की उपेक्षा कर रहे हैं। यही वजह भी है कि शायद उन बल्लेबाजों को ज्यादा देर तक गेंदबाजों को खेलने में दिक्कत होती है। यही कारण भी हो सकता है कि वो गेंदबाज के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लेते हैं।