Khabarwala 24 News New Delhi : Saturn Remedies Astrology शनि का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है क्यों कि यह एक ऐसे ग्रह हैं जो सबसे धीमे चलते हैं, शनि एक राशि में करीब ढाई वर्षो तक रहते हैं, फिर इसके बाद ही अगली राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश, कर्मफलदाता और दंडाधिकारी का दर्जा प्राप्त है। मंद चाल के कारण सभी 12 राशियों का एक चक्कर लगाने में शनिदेव को करीब 30 वर्षो का समय लग जाता है। शनि एक मात्र ऐसे ग्रह हैं जिनको साढ़ेसाती और ढैय्या का अधिकार है।
न्याय के देवता और कर्मफलदाता (Saturn Remedies Astrology)
न्याय के देवता और कर्मफलदाता शनि लंबे समय से अपनी स्वराशि कुंभ में रहने के बाद बीते 29 मार्च 2025 को देवगुरु बृहस्पति के आधिपत्य वाली राशि मीन में प्रवेश कर चुके है। शनिदेव मीन राशि में साल 2027 तक रहेंगे, फिर इसके बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में प्रवेश करते ही मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती खत्म हो गई है और मेष राशि के लोगों पर साढ़ेसाती शुरू हो चुकी है। 29 जून को शनि के मीन राशि में गोचर करने के कारण मेष राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण, मीन राशि पर दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर अंतिम चरण होगा।
मकर राशि पर शनि का प्रभाव (Saturn Remedies Astrology)
शनि के मीन राशि में गोचर करने के साथ ही मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती से अब छुटकारा मिल गया है। मकर राशि वालों के लिए शनिदेव पहले और दूसरे भाव के स्वामी होकर अब जून 2027 तक आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचरस्थ रहेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के तीसरे भाव में शनि अच्छा फल देने के लिए बाध्य होते हैं। शनि यहां पर विराजमान होकर आपके पांचवें, नवें और द्वादश भाव पर अपनी द्दष्टि रखेंगे। ऐसे में आपके लिए छोटी-छोटी यात्राओं का संयोग बनेंगे। धर्म-कर्म में रूचि रहेगी। कार्य में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।
मेष राशि पर शनि का प्रभाव (Saturn Remedies Astrology)
शनि के मीन राशि में गोचर होने के कारण मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण अब शुरू हो चुका है। मेष राशि के जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी होकर आपके 12वें भाव में प्रवेश किया है। इस तरह से मेष राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती के दायरे में आ चुके हैं। शनि यहां पर बैठकर दूसरे, छठे और नवम भाव पर अपनी द्दष्टियां डालेंगे। ऐसे मे आपके लिए खर्च अधिक होने के योग बन रहे हैं। आर्थिक परेशानियों में इजाफा होगा। कार्यो में सफलता बड़ी ही मुश्किलों से मिलेगी। मेष राशि के जातकों को सावधान रहकर काम करना होगा।
शनि को क्यों चढ़ाया जाता है तेल (Saturn Remedies Astrology)
शनिदेव जिन जातकों की कुंडली में अशुभ प्रभाव में रहते हैं उन्हे शनिदेव तरह-तरह के कष्ट और परेशानियां देते हैं। ऐसे में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए और उनकी विशेष कृपा पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, इन उपायों में तेल का उपाय बहुत ही कारगर साबित होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि शनिदेव को तेल चढ़ाने से ये अपने भक्तों की पीड़ा हर लेते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर आापको साढ़ेसाती या ढय्या लगी हो तो हर शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों या तिल का तेल और काले तिल चढ़ाने से आपको शनि की कृपा मिलती है।
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Khabarwala 24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।