Saturday, December 14, 2024

Sankashti Chaturthi 2024 फाल्गुन माह का द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा इस दिन, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त

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Khabarwala 24 News New Delhi : Sankashti Chaturthi 2024 द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के व्रत फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व है। इस व्रत को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से साधक पर सदैव भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है।

इस दिन भगवान गणपति की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल फाल्गुन माह की द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी 2024 को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन का व्रत करने से साधक के जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं सही तिथि और महत्व।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2024)

इस बार फाल्गुन माह की द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 फरवरी की रात 1 बजकर 10 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 29 फरवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार ये व्रत 28 फरवरी 2024 को बुधवार के दिन रखा जाएगा।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi 2024)

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर भगवान गणेश का ध्यान करें। इसके बाद घर के मंदिर में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद भगवान गणेश के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान गणेश को दूर्वा,पीले फूल और पान,सुपारी अर्पित करें। उसके बाद संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें
अंत में गणेश जी की आरती करें और भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद प्रसाद सबमें वितरित करें।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Sankashti Chaturthi 2024)

सनातन परंपरा में संकष्टी चतुर्थी का खास महत्व है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन का व्रत करने से साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से साधक के जीवन में आने वाली समस्या समाप्त हो जाती है। इस दिन चंद्र दर्शन से भी साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। चंद्र दर्शन के बाद ही ये व्रत पूर्ण माना जाता है। इस दिन बप्पा की पूजा से धन, वैभव और यश की भी प्राप्ति होती है।

द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi 2024)

बुध स्थिति सुधारने के लिए 

यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो आप द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इसके साथ ही इस दिन भगवान गणेश की पूजा के समय ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से बुध ग्रह मजबूत होता है।

धन प्राप्ति के लिए 

द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के दिन धन प्राप्ति के लिए भगवान गणेश को 5 दूर्वा में 11 गांठ लगाकर किसी लाल कपड़े में बांधकर चढ़ाएं। उसके बाद उस लाल कपड़े को अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और जीवन में धन का आगमन होगा।

विघ्न का नाश करने के लिए 

यदि आपके किसी काम में बाधा उत्पन हो रही है या आपके काम में कोई विघ्न आ रहा है तो द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के पूजा के समय भगवान गणेश के श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा मंत्र का जाप करें।

सुख समृद्धि के लिए 

जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी के दिन गाय के घी का दीपक जलाएं। इस दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाने से भी परिवार में शांति बनी रहती है।

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