Khabarwala 24 News New Delhi : Rohini Vrat 2024 जैन समाज में रोहिणी व्रत का बहुत महत्व है। हर साल 12 रोहिणी व्रत होते हैं। यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन किया जाता है। इसी कारण से इस व्रत को रोहिणी व्रत कहा जाता है। यह व्रत पारण रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के बाद मार्गशीर्ष नक्षत्र में किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार रोहिणी व्रत लगातार तीन, पांच या सात साल तक किया जाता है। इस व्रत के लिए सबसे उपयुक्त अवधि पांच वर्ष, पांच महीने है। इस व्रत का समापन उद्दापन के साथ करना चाहिए।
महिलाओं के लिए अनिवार्य है यह व्रत (Rohini Vrat 2024)
इस व्रत को स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं। जैन धर्म में यह व्रत महिलाओं के लिए अनिवार्य है। इस व्रत को एक त्योहार के रूप में माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के दुख, कष्ट और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। इस दिन जैन धर्म के अनुयायी भगवान वासुपूज्य की पूजा करते हैं।
पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं व्रत (Rohini Vrat 2024)
रोहिणी नक्षत्र कुल 27 नक्षत्रों में से एक है। यह व्रत हर माह आता है। आमतौर पर महीने का 27वां दिन रोहिणी नक्षत्र में पड़ता है। यह व्रत रोहिणी देवी से जुड़ा है। इस दिन उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि में वृद्धि (Rohini Vrat 2024)
इस व्रत को पुरुष भी कर सकते हैं। इस व्रत को करने से घर से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन गरीबों को दान देने का बहुत महत्व है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति अपराधों से मुक्त हो जाता है।
जैन धर्म में रोहिणी व्रत व पूजा विधि (Rohini Vrat 2024)
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नान करें. स्नान के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। अब सूर्य देव को जल अर्पित करें। जैन धर्म में रात के समय खाना नहीं खाया जाता इसलिए सूर्यास्त से पहले फल खाएं।