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Ramayan Entertainment आइए जानें 1980 में बने रामायण के मुख्य किरदारों की कहानी, रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर की जुबानी

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Khabarwala 24 News New Delhi : Ramayan Entertainment 1980 में रामानंद सागर का शो रामायण बना था। आगे चलकर इस सीरियल को लोगों का इतना प्यार मिला आज भी सबको यह धारावाहिक पसंद है। आइए जानते हैं कि इसके किरदारों की कहानी रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर की जुबानी। उन्होंने बताया कि कैसे सीरियल के किरदारों ने अपनी मेहनत से कार्यक्रम की कहानी को जीवंत बना दिया था। उन्होंने बताया कि कैसे दारा सिंह जो शो में हनुमान जी का किरदार निभाते थे वो शूट के दौरान कुछ नहीं खाते थे। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके पिता रामानंद एक जुझारू आदमी की तरह काम करते थे।

9 घंटे तक खाना नहीं खाते थे हनुमान (Ramayan Entertainment)

लेहरेन को दिए इंटरव्यू में प्रेम ने दारा सिंह को लेकर कहा, ‘उनके मेकअप को 3-4 घंटे लगते हैं। उस टाइम कोई प्रोस्थेटिक्स नहीं होते थे और हमें हनुमान जी के लुक से मैच करना चाहिए और फिर उनकी पूंछ। अगर वह पूंछ पहनते थे तो तब वह कहां बैठे?

शूट से 3 घंटे पहले होता था मेकअप (Ramayan Entertainment)

उनके लिए स्पेशल स्टूल था जिसमें एक कट था ताकि वह पूंछ के साथ बैठ पाएं। वहीं जब उनके चेहरे पर मोल्ड होता तो वह खाना कैसे खाएं? वहीं मेकअप शूट से 3 घंटे पहले होता था तो वह लगभग 8-9 घंटे तक कुछ नहीं खाते थे। ऐसा उनका डेडिकेशन होता है।’

जज्बे से काम करते थे पापा रामानंद (Ramayan Entertainment)

उन्होंने आगे कहा, ‘पापाजी (रामानंद सागर) एक जुझारू आदमी की तरह काम करते थे। रात में उनके दिमाग में सीन आता और वह डायलॉग बदल देते। वह मुझे कहते कि सबको उठाओ और हम सुबह 4 बजे कैमरा ऑन करते तो ये 24 घंटे प्रोसेस होता।’

वानर सेना में पेश आती थी मुश्किल (Ramayan Entertainment)

प्रेम ने आगे जो सबसे बड़ी दिक्कत के बारे में बताया, ‘सबसे बड़ी दिक्कत थी मंकी आर्मी की। अगर आपको 500 लोग चाहिए वानर सेना के लिए तो सोचिए मेकअप में कितना टाइम लगता होगा। प्रेम ने बताया कि वो लोग नारियल को सुखाते थे ताकि मुंह का वो मास्क बना सकें वानर सेना के एक्टर्स के लिए।’

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