Khabarwala 24 News New Delhi : Ram Navami 2025 Puja Vidhi भगवान राम के प्रति लोगों की श्रद्धा अटूट है। जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु के सातवें अवतार हैं भगवान राम। राम नवमी का त्योहार भगवान राम को समर्पित है। दरअसल भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2025 में राम नवमी त्योहार कब मनाया जाएगा। इसकी पूजा विधि और महत्त्व क्या है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार (Ram Navami 2025 Puja Vidhi)
भगवान राम की कृपा पाने के लिए राम नवमी का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान राम की विशेष पूजा करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जो लोग राम नवमी के दिन भगवान राम की पूजा करते हैं। उनके जीवन की परेशानियां और संकट दूर हो जाते हैं। भगवान राम की कृपा की छांव मिलती है। आखिर में भगवान राम की आरती कर पूजा का समापन करना चाहिए।
इस साल कब है नवरात्रि? (Ram Navami 2025 Puja Vidhi)
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का अगले दिन, 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समापन हो जाएगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि मान्य होती है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जाएगी। हर साल चैत्र माह की नवमी तिथि को राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है।
रामनवमी की पूजा विधि (Ram Navami 2025 Puja Vidhi)
रामनवमी के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए फिर एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए। भगवान राम को गंगाजल, पंचामृत, फूल आदि चढ़ाने चाहिए। भगवान को पीले फलों और गेहूं के आटे से बनी पंजीरी का भोग लगाना चाहिए। रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए। इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
श्री रामनवमी का महत्व (Ram Navami 2025 Puja Vidhi)
हिंदू धर्म में राम नवमी का बहुत महत्व है। मान्यता है कि राम नवमी के दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इस दिन पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जिससे घर में धन धान्य में बढ़ोत्तरी होती है। मां सीता माता लक्ष्मी का ही रूप हैं। ऐसे में अगर राम नवमी के दिन भगवान राम के साथ माता सीता का पूजन किया जाता है तो मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होता है।