Miraculous Hanuman Temple बजरंगबली का वो चमत्कारी मंदिर, जिसमें 5 मंगलवार हाजिरी लगाने से पूरी होती है कामना

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Khabarwala 24 News New Delhi : Miraculous Hanuman Temple बुन्देलखण्ड में प्रसिद्ध पन्ना के पवई में प्राचीन सिद्ध स्थल श्री हनुमान भाटा में हनुमान जी की चंदेल कालीन पाषाण आदमकद अद्वितीय प्रतिमा मौजूद है। इसके साथ ही यहां नरसिंह, महाकाल विराजित हैं। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी महाराज के मन्नत मांगने जाता है। उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।

हनुमान भाटा एक सिद्ध स्थल है जो प्रकृति के एकदम करीब है। यहां पहुंचते ही व्यक्ति को शांति और आनंद की अनुभूति होती है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में 5 मंगलवार हाजिरी लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस स्थल में मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मनोकामना की होती है पूर्ति

ये मंदिर बुंदेलखंड में पन्ना जिले के पवई तहसील के मोहन्द्रा मार्ग पर दुर्गम पहाड़ियों पर स्थित हैं। मंदिर को भक्त श्री हनुमान भाटा धाम के नाम से जानते हैं। ये सिद्ध स्थल अपनी अलौकिक और प्राकृतिक चमत्कारी शक्तियों के लिए संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है। यहां दूर दराज से भक्त आते हैं और कोई खाली हाथ नहीं लौटता है।

चंदेलकालीन मूर्तियां है मौजूद 

यहां पर महाकाल, नरसिंह जी के साथ कलयुग के देव श्री हनुमान जी महाराज की चंदेल कालीन पाषाण प्रतिमाएं है। इसके साथ ही यहां पर राधा रानी सरकार, श्री राम जानकी मंदिर, धूलिया मठ ,सिद्ध महाराज की समाधि, माता कलेही का प्राचीन मंदिर और भगवान शंकर का प्राचीन मंदिर भी हैं।

प्रकृति के करीब है ये मंदिर 

यहां की अनुपम प्राकृतिक धरोहर पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। हर साल जनवरी के माह में यहां विशाल मेला लगता है और तब यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। यहां 5 मंगलवार तक लगातार अपनी हाजिरी बजरंग बली के चरणों में लगा लेता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है।

मंदिर में है ग्यारह सौ सीढ़ी 

यहां लोगों की आस्था ऐसी है कि जो पांच मंगलवार या शनिवार को ग्यारह सौ सीढ़ी चढ़कर स्थल में मत्था टेकता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसी आस्था और विश्वास के कारण यहां भक्तगण दर्शन के लिए ग्यारह सौ सीढ़ी चढ़कर भी पहुंचते हैं।

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