Khabarwala 24 News New Delhi : Lord Vishnu Falgun Purnima 2024 इस बार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 25 मार्च यानी आज भी रखा जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा को ‘वसंत पूर्णिमा’ और ‘दोल पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है। हालांकि, उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च यानी आज मनाई जाएगी।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का उपवास रखने से दुखों का नाश होता है और उसपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। वहीं होली का त्योहार मनाया जा रहा है।
फाल्गुन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Lord Vishnu Falgun Purnima 2024)
उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च यानी आज मनाई जा रही है। फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि 24 मार्च यानी कल सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू हो चुकी है और समापन 25 मार्च यानी दिन में 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।
स्नान दान का समय- सुबह 4 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 32 मिनट तक।
फाल्गुन पूर्णिमा पूजन विधि (Lord Vishnu Falgun Purnima 2024)
पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें और उपवास का संकल्प लें। सुबह सूर्योदय से लेकर शाम को चंद्र दर्शन तक उपवास रखें। रात्रि में चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। इस दिन स्नान, दान और भगवान का ध्यान करें। नारद पुराण के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को लकड़ी व उपलों को एकत्रित करना चाहिए। हवन के बाद विधिपूर्वक होलिका पर लकड़ी डालकर आग लगा देना चाहिए। होलिका की परिक्रमा कर हर्ष और उत्सव मनाना चाहिए।
फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व (Lord Vishnu Falgun Purnima 2024)
फाल्गुन पूर्णिमा, हिन्दु चन्द्र वर्ष की अन्तिम पूर्णिमा तिथि है, अतः इस दिन भी उपवास का पालन किया जाता है। हिन्दुओं का सर्वाधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण उत्सव होली भी फाल्गुन पूर्णिमा पर ही मनाया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा, सम्पत्ति एवं समृद्धि की देवी लक्ष्मी का जन्मदिवस भी है, जिसे लक्ष्मी जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा और डोल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा का उपाय
सफल दाम्पत्य जीवन के लिए फाल्गुन पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी से घर में स्थाई निवास की प्रार्थना करें।
फाल्गुन पूर्णिमा की कथा (
नारद पुराण में फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर एक कथा का वर्णन मिलता है। यह कथा राक्षस हरिण्यकश्यपु और उसकी बहन होलिका से जुड़ी है। राक्षसी होलिका भगवान विष्णु के भक्त और हरिण्यकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद को जलाने के लिए अग्नि स्नान करने बैठी थी लेकिन प्रभु की कृपा से भक्त प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं ही अग्नि में भस्म हो गई। इस दिन भगवान विष्णु व भक्त प्रह्लाद का स्मरण करना चाहिए।