Khabarwala 24 News New Delhi : Jitiya Vrat 2024 जीवित्पुत्रिका व्रत महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। इसे जितिया व्रत भी कहा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपनी संतान की सुरक्षा व खुशहाली के लिए पूरे दिन और पूरी रात तक निर्जला व्रत करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड या उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत महिलाएं संतान की मंगल कामना के साथ 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत संतान प्राप्ति के भी शुभ माना गया है।
अष्टमी तिथि कब से कब तक (Jitiya Vrat 2024)
अष्टमी तिथि 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगी और 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर 2024, बुधवार को रखा जाएगा।
व्रत के दिन बन रहे शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat 2024)
ब्रह्म मुहूर्त- 04:35 AM से 05:22 AM
प्रातः सन्ध्या- 04:59 AM से 06:10 AM
विजय मुहूर्त- 02:12 PM से 03:00 PM
गोधूलि मुहूर्त- 06:13 PM से 06:37 PM
सायाह्न सन्ध्या- 06:13 PM से 07:25 PM
अमृत काल- 12:11 PM से 01:49 PM
निशिता मुहूर्त- 11:48 PM से 12:36 AM, सितंबर 26 (Jitiya Vrat 2024)
व्रत पारण का समय क्या है (Jitiya Vrat 2024)
जीवित्पुत्रिका व्रत का नहाय-खाय 24 सितंबर को है और 25 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा। 26 सितंबर को जितिया व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण के लिए शुभ समय 04:35 AM से 05:23 AM तक रहेगा।
जितिया व्रत की पूजा-विधि (Jitiya Vrat 2024)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं। धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं। मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं। कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें। विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें। व्रत पारण के बाद दान जरूर करें।