Khabarwala 24 News New Delhi: Hariyali Teej 2025 हरियाली तीज, सावन मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व, इस साल 27 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। जानें हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि, और विशेष सावधानियां।
सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व (Hariyali Teej 2025)
हरियाली तीज, सावन माह में प्रकृति और प्रेम का उत्सव, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के पवित्र मिलन का प्रतीक है। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए, जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन हरे रंग के वस्त्र, चूड़ियां, और सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है।
हरियाली तीज 2025 की तिथि (Hariyali Teej 2025)
पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025, शनिवार को रात 10:42 बजे शुरू होगी और 27 जुलाई 2025, रविवार को रात 10:41 बजे समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, उदय तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई, रविवार को रखा जाएगा।
हरियाली तीज की पूजा विधि (Hariyali Teej 2025)
- स्नान और तैयारी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ, विशेष रूप से हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल की तैयारी: पूजा घर को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
- प्रतिमा स्थापना: लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की बालू की मूर्ति (या तस्वीर) स्थापित करें।
- दीपक और संकल्प: घी का दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा सामग्री: माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री (मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां आदि) अर्पित करें।
- अभिषेक और पूजा: भगवान शिव का जल, दूध, और पंचामृत से अभिषेक करें। माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं।
- कथा और आरती: हरियाली तीज व्रत कथा का पाठ करें, फिर शिव-पार्वती की आरती करें।
- क्षमा याचना: पूजा में हुई किसी भूल के लिए माफी मांगें।
- विसर्जन: अगले दिन बालू की मूर्ति को नदी में विसर्जित करें।
हरियाली तीज पर विशेष सावधानियां (Hariyali Teej 2025)
- हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनें; काले रंग के कपड़े और चूड़ियां न पहनें।
- व्रत करने वाली महिलाएं भोजन या पानी ग्रहण न करें, क्योंकि यह व्रत निराहार होता है।
- शादीशुदा महिलाएं सोलह श्रृंगार करें और माता पार्वती को भी श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
- पूजा में पवित्रता और भक्ति का विशेष ध्यान रखें।
हरियाली तीज न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह महिलाओं के बीच एकता, सौंदर्य, और सांस्कृतिक उत्साह का प्रतीक भी है। यह पर्व परिवार और समाज में प्रेम और समर्पण का संदेश देता है।
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