Khabarwala 24 News New Delhi : Radheshyam Patel Apple Farming आजकल विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि अंसभव काम भी संभव हो गया है। सेब के बारे में कहा जाता है कि ये हिमाचल प्रदेश के ठंडे माहौल में ही पैदा होता है।
ऐसे मिथक तोड़ते हुए बनारस के एक किसान ने अपने गांव में सेब की फसल लहलहा ली है। वाराणसी के किसान अपनी मेहनत से पहाड़ी इलाकों में उगने वाले सेब को अपनी जमीन पर उगा रहे हैं। वे इंटरनेट के माध्यम से सीखकर सेब उत्पादन कर रहे हैं। वाराणसी में सेब उगाने वाले सेवापुरी विकासखंड के भटपुरवा गांव के राधेश्याम पटेल ने खास बातचीत की और खेती के बारे में जानकारी दी…
दूसरे साल ही अच्छा फल आया (Radheshyam Patel Apple Farming)
राधेश्याम पटेल ने बताया कि 2019 में मुझे यूट्यूब के माध्यम से ये जानकारी मिली कि गर्म जगहों पर भी सेब को उगाया जा सकता है। इसके बाद हमने 50 पौधों को लाकर ट्रायल के तौर पर लगा दिया। इन पेड़ों पर जब दूसरे साल ही अच्छा फल आया तो हमने और पौधों को लगा दिया।
150 से 200 ग्राम तक है वजन (Radheshyam Patel Apple Farming)
एक सेब का वजन 150 से 200 ग्राम के आसपास होता है, जो बहुत अच्छा माना जाता है। उन्होंने बताया कि 50 पौधों के बाद दूसरी बार में करीब 450 पेड़ और लगाया गया। धीरे-धीरे इन पेड़ों में सेब लगने लगे हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि एक प्लांट से 15 से 20 किलो सेब का उत्पादन होना चाहिए।
परिवार के सदस्य भी देते साथ (Radheshyam Patel Apple Farming)
सेब उत्पादन में परिवार के अन्य सदस्य भी हमारा साथ देते हैं। जब हमने पौधा लगाया था तो गांव में किसी को नहीं पता था कि ये सेब का पौधा है, लेकिन जब ये बड़ा हुआ तो लोगों ने तंज कसा कि यहां का मौसम सेब उगाने लायक नहीं है। राधेश्याम ने उम्मीद जताई कि खेती को बढ़ावा देने के लिए ऐसी चीजें मदद करती है।
उत्पादन में मदद करे सरकार (Radheshyam Patel Apple Farming)
उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमें सेब उत्पादन में मदद करेगी तो उसका लाभ जरूर उठाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी तो सामान्य विधि से ही इन पौधों की सिंचाई की जा रही है, लेकिन जरूरत के हिसाब से पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई अच्छी होती है। कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का भी उपयोग होता है।