नई दिल्ली, 19 दिसंबर (khabarwala24)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में लोकपाल के आदेश को रद्द कर दिया है। टीएमसी सांसद ने लोकपाल के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि लोकपाल ने उनकी ओर से रखे गए तर्कों पर विचार किए बिना आदेश पारित किया है। मोइत्रा ने यह भी आरोप लगाया था कि सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी देने का आदेश गलत है और लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। साथ ही यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है।
सीबीआई ने मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच एजेंसी ने 28 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी थी।
लोकपाल की सिफारिश पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पिछले साल 21 मार्च को महुआ और हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
पिछली लोकसभा में मोइत्रा को दिसंबर 2023 में ‘अनैतिक आचरण’ के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था। उनका कहना था कि यह साजिश के तहत किया गया और बिना सफाई का मौका दिए उन्हें सदन से निष्कासित किया गया और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने जांच में पाए गए तथ्यों को लोकपाल के सामने रखा है, जो अब मामले में अगला कदम सुनिश्चित करेगा। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा तब चर्चा में आ गई थीं, जब बीजू जनता दल (बीजेडी) के पूर्व सांसद तथा सीनियर वकील पिनाकी मिश्रा के साथ शादी को लेकर उन्होंने 5 जून को एक पोस्ट सोशल मीडिया पर किया था। पिनाकी मिश्रा के साथ केक काटते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर महुआ ने कैप्शन में लिखा था, “आप सभी के प्यार और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। अत्यंत आभारी हूं।
2024 के आम चुनावों में महुआ मोइत्रा ने भाजपा की अमृता रॉय को हराकर अपनी कृष्णानगर सीट पर जीत को बरकरार रखा।
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