CLOSE AD

Oldest Train दुनिया का चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क है भारतीय रेलवे, यह है सबसे ‘बुजुर्ग ट्रेन’, आज भी तय करती है 1900 किमी का सफर

-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

Khabarwala 24 News New Delhi : Oldest Train दुनिया का चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे है। देश में पहली ट्रेन 170 साल पहले यानी 16 अप्रैल, 1853 में शुरू हुई। देश में पहली ट्रेन तत्कालीन बंबई के बोरीबंदर से लेकर ठाणे के बीच चली थी। भारत में दिनोंदिन रेल नेटवर्क का विस्‍तार होता चला गया जो आज भी जारी है। भारत में अब भी कुछ ऐसी ट्रेनें चल रही हैं, जिनकी शुरुआत अंग्रेजों के जमाने में हुई थी। ऐसी ही एक ‘बुजुर्ग ट्रेन’ है पंजाब मेल। इस ट्रेन को पहले पंजाब लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह ट्रेन मुंबई से पेशावर तक 2496 किमी का सफर तय करती थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद से ट्रेन मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से पंजाब के फिरोजपुर के बीच चल रही है।

शुरुआत में केवल 6 कोच थे (Oldest Train)

1 जून 1912 को शुरू हुई पंजाब मेल काे चलते हुए करीब 113 साल हो चुके हैं। 2012 गणतंत्र दिवस परेड में सौ वर्षो का सफर तय करने पर पंजाब मेल को रेलवे द्वारा प्रदर्शित भी किया गया था। आज इस ट्रेन में 24 बोगियां है, जबकि शुरुआत में केवल 6 कोच थे। उनमें भी तीन कोच डाक पार्सल के लिए होते थे।

34 घंटे 10 मिनट में दूरी तय (Oldest Train)

अब इस ट्रेन में एसी के साथ सामान्य और स्लीपर क्लास की बोगियां भी लगती हैं अब पंजाब मेल का एक तरफ का सफर 1,930 किलोमीटर का है। पंजाब मेल अब मुंबई सीएसएमटी से 19:35 बजे प्रस्थान करती है और 05:10 बजे फिरोजपुर कैंट पहुंचती है। ट्रेन 1930 किमी की दूरी लगभग 34 घंटे और 10 मिनट में तय करती है।

गोरे साहबों के लिए हुई थी शुरू (Oldest Train)

यह रेलगाड़ी विशेष रूप से ब्रिटिश अधिकारियों, सिविल सेवकों और उनके परिवारों को बंबई से दिल्ली और फिर ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत तक ले जाने के लिए चलाई गयी थी। शुरुआत में इसे बल्लार्ड पियर रेलवे स्टेशन से पेशावर तक चलाया गया।

थर्ड क्लास के डिब्बे लगाए (Oldest Train)

साल 1914 में इसका शुरुआती स्टेशन बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस (अब मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) कर दिया गया। आज़ादी के बाद इसका गंतव्य भारत पाक सीमा पर स्थित फिरोज़पुर स्टेशन कर दिया गया. 1930 से इसमें आम जनता की खातिर थर्ड क्लास के डिब्बे भी लगाए जाने लगे।

स्टीम इंजन, लकड़ी के कोच (Oldest Train)

मौजूदा पंजाब मेल को इलेक्ट्रिक इंजन से चलती है। वहीं, पुरानी पंजाब मेल कोयले से चलने वाले इंजन और लकड़ी के कोच के साथ चला करती थी। आजादी से पहले अंग्रेजों के जमाने में यह ट्रेन बंबई से इटारसी, झांसी, ग्वालियर, आगरा, दिल्ली, अमृतसर और लाहौर होते पेशावर जाती थी। यह 2496 किलोमीटर का सफर एक तरफ तय करती थी।

1945 में लगे एसी कोच (Oldest Train)

आजादी से दो साल पहले यानी 1945 में पहली बार पंजाब मेल में वातानुकूलित बोगियां लगाई गई। किसी जमाने में इस ट्रेन को ब्रिटिश भारत में सबसे तेज ट्रेन होने का खिताब हासिल था। यात्रियों के बीच आज भी पंजाब मेल काफी लोकप्रिय है।

-Advertisement-

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related News

-Advertisement-

Breaking News

-Advertisement-