Heart Attack Problem: बदलती लाइफ स्टाइल के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहे लोग

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Heart Attack Problem: मेट्रो अस्पताल एवं हृदय संस्थान नोएडा सीनियर कंसलटेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विवेक प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अच्छे खासे लोगों की अचानक चलते-फिरते, नाचते-गाते काल के गाल में समा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का बड़ा कारण बदलती जीवनशैली और खानपान है। लोग जंक फूड, तेल वाले खाद्य पदार्थ ज्यादा खाने लगे हैं। यह शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। शरीर का कोलेस्ट्रॉल इससे बढ़ जाता है। इसी एल्कोहल, धूमपान करने से लिवर और फेफड़ों पर असर पड़ता है। साथ में शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर देता है।

सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल भी खतरनाक

कोरोना के बाद युवाओं में बॉडी बनाने को लेकर ज्यादा ही जोश देखने को मिला है। इसके लिए युवा तमाम तरह के सप्लीमेंट्स का यूज करने लगे हैं। ये बहुत ही खतरनाक होते हैं। इससे शरीर के कई ऑर्गन फेल हो सकते हैं। इसके अलावा शराब, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थ भी लोगों के दिल को कमजोर बनाते हैं। इसके अलावा अधिक एक्सरसाइज भी करना खतरनाक है।

इससे दिल की गति तेज हो जाती है तो ब्लॉकेज कर सकती है। इसके अलावा नौकरी व अन्य कारणों से युवा स्ट्रेस भी बहुत ज्यादा लेने लगे हैं। रात-रात तक काम करते हैं। नींद कम लेते हैं। स्ट्रेस का सीधा असर दिल पर पड़ता है। यही कारण है कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं।

इम्यून सिस्टम पर कोरोना का प्रहार

कोरोना ने लोगों के इम्यून सिस्टम पर काफी प्रहार किया है। इसके चलते लोग अंदर से कमजोर हो गए हैं। ऊपर से वह फिट दिखते हैं, लेकिन अंदर बीमारियों ने घर कर रखा है। यही बीमारियां जब ज्यादा बढ़ जाती हैं तो अचानक हार्ट फेल्योर का सामना करना पड़ता है।

ब्लड प्रेशर बढ़न, सीने में भारीपन महसूस होना, उलझन होना, धड़कन बढ़ना, सीने में दर्द होना, किसी एक बांह या दोनों में दर्द होना, थोड़ी सी कसरत करने पर सांस फूलना, पैरों में सूजन होना, गले, जबड़े, पेट या कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द होना, सीने में खिंचाव या जलन महसूस होना, हाथ-पैर में अचानक से कमजोरी महसूस होना, अचानक मुंह डेढ़ा होना इसके लक्षण है।

हर दो मिनट में एक व्यक्ति की हो रही मौत

सीनियर कंसलटेंट न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. आशुतोष सिंह ने बताया कि देश में ब्रेन अटैक या स्ट्रोक से हर दो मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। हर 20 सेकंड में एक व्यक्ति को अटैक होता है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर मरीज को साढ़े चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंच जाना चाहिए। देरी होने पर जटिलता बढ़ जाती है। 65 वर्ष से कम आयु के हर चार में से एक व्यक्ति को स्ट्रोक हो सकता है। सेहत का ध्यान, उचित खानपान और व्यायाम से इससे बचा जा सकता है।

हापुड़ में विशेषज्ञ डॉक्टर देंगे परामर्श

बंसल लैब के डॉ. विक्रांत बंसल का कहना है कि हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए मस्टी स्पेशयलिटी ओपीडी सेवाएं शुरु जा रही है। जहां मेट्रो अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर परामर्श देंगे।

ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति

सीनियर कंसलटेंट न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. आकाश मिश्रा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। मस्तिष्क को खून की आपूर्ति करने वाली नसों के फटने या ब्लॉकेज की वजह से ऐसा होता है। यह अचानक होता है। बोलने व समझने में परेशानी होना, भ्रम का अनुभव करना, बोलने की गति धीमी होना, समझने में कठिनाई महसूस करना, चेहरे, बांह या पैर में सुन्नता, शरीर के एक तरफ के अंग का अचानक सुन्न हो जाना, कमजोरी महसूस करना, अचानक सिर में तेज दर्द, कुछ समय के लिए दृष्टि बाधित होना प्रमुख लक्षण हैं।

साथ ही एक ही समय में अपने सिर पर अपने दोनों हाथों को उठाने की कोशिश करें यदि एक हाथ गिरता है तो वह स्ट्रोक हो सकता है। मुस्कराने में यदि एक तरफ का होठ न उठें या झूल जाएं तो यह स्ट्रोक की निशानी हो सकती है। बचाव के लिए जरूरी है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें। आहार में कोलस्ट्रोल व संतृप्त वसा की मात्रा कम रखें। स्वस्थ वजन बनाए रखें। मधुमेह पर नियंत्रण करें। फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। ज्यादा तंबाकू व शराब के सेवन से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अवैध नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।

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