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एसीएफ शुरू, खोजे जा रहे सक्रिय क्षय रोगी

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खबरवाला 24 न्यूज हापुड़ : शासन के निर्देश पर जनपद में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) शुरू हो गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार त्यागी और जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह के निर्देशन में तैयार माइक्रो प्लान के मुताबिक पहले चार दिन जनपद के आवासीय संस्थानों में टीम विजिट करेंगी। इस दौरान स्क्रीनिंग के साथ – साथ क्षय रोग के बारे में संवेदीकरण किया जाएगा। खासकर धर्मगुरुओं से अपील की जाएगी कि वह समाज में क्षय रोग के प्रति जागरूकता में क्षय रोग विभाग की मदद करें। आवासीय संस्थानों के बाद घर-घर क्षय रोगी खोजने के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी।

क्षय रोग के लक्षण और क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बार में विस्तार से जानकारी दी
चार दिवसीय क्लोज सेटिंग के तहत जनपद के 24 अनाथालय, वृद्धाश्रम, कुष्ठ आश्रम, मदरसे, विद्यालय और कोचिंग सेंटर का भ्रमण किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत के साथ ही क्षय रोग विभाग की टीम गढ़ मुक्तेश्वर में गुरू विश्राम वृद्धाश्रम – लठीरा, बुलंदशहर रोड- हापुड़ स्थित बड़ा मदरसा (जामिया अरेबिया खादिमुल इस्लाम मदरसा), सलाई ग्राम स्थित मदरसा, सिकेड़ा स्थित अपना घर- वृद्धाश्रम और धौलाना स्थित अरबी उलेमा मदरसा पहुंची। क्षय रोग विभाग की टीम ने उपरोक्त आवासीय संस्थानों में क्षय रोग के लक्षण और क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बार में विस्तार से जानकारी दी साथ ही लक्षणों की जानकारी के बारे में प्रचार- प्रसार की भी अपील की।

छिपाने से रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है

क्षय रोग विभाग की टीम ने भ्रमण के दौरान बताया- टीबी से मिलते – जुलते लक्षण आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच अवश्य कराएं। टीबी पूरी तरह साध्य रोग है लेकिन इसे छिपाने से रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है और साथ ही फेफड़ों की टीबी होने पर इस बीच आसपास रहने वाले अन्य लोगों को भी टीबी का संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। टीबी उन्मूलन तभी संभव है जब लक्षण आते ही इसकी जांच और पुष्टि होने पर उपचार शुरू कर दिया जाए।

बड़ा मदरसा में 55 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई, दो में लक्षण मिले

हापुड़ के बुलंदशहर रोड स्थित बड़ा मदरसा (जामिया अरेबिया खादिमुल इस्लाम मदरसा) पहुंची क्षय रोग विभाग की टीम में जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी और वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बृजेश कुमार शा‌मिल थे। टीम ने मौलाना मोहम्मद यामीन, मास्टर अजमल मुस्तफा, कारी मोहम्मद अयूब और कारी मोहम्मद सुलेमान को क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही मदरसे में मौजूद 55 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के दौरान दो बच्चों में टीबी से मिलते जुलते लक्षण मिले। दोनों बच्चों की स्पुटम (बलगम) जांच के लिए नमूने लिए गए हैं

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