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HC Justice About SmartPhone स्कूलों में छात्रों के स्मार्टफोन का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनाया फैसला, जानिए वजह

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Khabarwala 24 News New Delhi : HC Justice About SmartPhone स्कूलों में स्मार्टफोन पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा गया है कि ऐसा दृष्टिकोण न तो व्यावहारिक है और न ही वांछनीय। न्यायाधीश अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि तकनीक शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बन गई है। इस कारण स्मार्टफोन पर पूर्ण प्रतिबंध अवास्तविक हो गया है। अदालत ने यह भी कहा है कि स्मार्टफोन छात्रों को अपने माता-पिता से जुड़े रहने में मदद करते हैं। इससे उनकी सुरक्षा और संरक्षा बढ़ती है।

खतरों को किया स्वीकार (HC Justice About SmartPhone)

न्यायालय ने अत्यधिक स्क्रीन टाइम, सोशल मीडिया एक्सपोजर और स्मार्टफोन के दुरुपयोग के खतरों को भी स्वीकार किया। न्यायालय ने कहा कि इन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के बजाय, जिम्मेदाराना उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्कूलों के लिए ये मुख्य सिद्धांत निर्धारित किए हैं।

1- जहां संभव हो, छात्रों को स्कूल के समय में अपने स्मार्टफोन जमा कर देने चाहिए। कक्षाओं, स्कूल वाहनों या साझा स्थानों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

2- स्कूलों को छात्रों को जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार, डिजिटल शिष्टाचार और स्मार्टफोन के नैतिक इस्तेमाल के बारे में शिक्षित करना चाहिए।

3- छात्रों को अत्यधिक स्क्रीन समय के जोखिमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, जिसमें चिंता, कम ध्यान अवधि और साइबरबुलिंग शामिल हैं।

4- स्मार्टफोन का इस्तेमाल कनेक्टिविटी और सुरक्षा के लिए किया जा सकता है, लेकिन मनोरंजन के लिए नहीं।

5- माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों से इनपुट लेकर नीतियां विकसित की जानी चाहिए।

जरूरत पड़ने पर जब्त फोन (HC Justice About SmartPhone)

केंद्रीय विद्यालय ने स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर दिशा-निर्देश मांगे थे और अदालत के फैसले में एक रूपरेखा दी गई है जिसे स्कूल अपनी आवश्यकताओं के आधार पर अपना सकते हैं। अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि स्कूल आवश्यकता पड़ने पर अनुशासनात्मक उपाय के रूप में स्मार्टफोन जब्त कर सकते हैं।

भेजी गई आदेश की कॉपी (HC Justice About SmartPhone)

अदालत के आदेश की एक प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन को भेजी गई है। वे दिशा-निर्देशों को लागू करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल जिम्मेदार स्मार्टफोन उपयोग नीतियों को लागू करें। यह तय करता है कि छात्र स्कूलों में सुरक्षित और प्रभावी ढंग से फोन का उपयोग करें।

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