Khabarwala 24 News Hapur: Hapur कृषि विभाग की टीम ने रामपुर रोड पर बिजली घर के पास मुर्गी दाना बनाने वाली फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई करते हुए 1400 कट्टे यूरिया बरामद किया है। जिला कृषि अधिकारी ने इस मामले का पर्दाफाश किया है। किसानों को अनुदान पर मिलने वाले यूरिया को यहां दो गोदामों में रखा गया था, जो कालाबाजारी कर लाया गया था। यूरिया को अधिकारियों ने सुपुर्दगी में लेकर, नमूने को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है। इस संबंध में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने मुखबिर की सूचना पर अपनी टीम के साथ रामपुर रोड पर मुर्गी दाने की फैक्ट्री में पहुंचे। उन्होंने बंद गोदाम को खुलवाया तो उसमें बड़ी मात्रा में यूरिया के कट्टे लगे थे। इसकी जानकारी की तो वहां काम करने वाले मजदूर इधर उधर जाने लगे। फैक्ट्री मालिक भी मौके पर नहीं मिले। टीम ने फैक्ट्री परिसर में बने एक अन्य गोदाम की भी जांच की तो वहां भी बड़ी मात्रा में यूरिया के कट्टे मिले। जांच में पता चला कि फसलों में प्रयोग होने वाले यूरिया को ही यहां मुर्गी दाना बनाने में प्रयोग किया जा रहा था।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच (Hapur)
जांच में कुछ बिल मिले। टीम ने करीब 1400 कट्टों को फैक्ट्री परिसर में ही सील कर दिया है। इसके साथ ही सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया। इस मामले में अपर जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार सैनी ने छोटे, तन्जीम और स्टैंर्डड फ्रूट प्रोटीन प्रोडेक्ट आफिस 261 सिकंदर गेट हापुड़ के स्वामी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
छूट पाने के लिए खपा रहे थे किसानों का यूरिया (Hapur)
किसानों को भारतीय जन उर्वरक परियोजना के तहत यूरिया पर सरकार करीब 82 प्रतिशत अनुदान देती है। किसानों को महज 266.50 रुपये में यूरिया का बैग मिलता है, जबकि इसकी वास्तवित कीमत 1497.75 रुपये है। व्यवसायिक प्रयोग के लिए दाम और बढ़ जाते हैं, इसलिए ही बहुत सी फैक्ट्री अनुदानित यूरिया की कालाबाजारी करती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मुर्गी दाना बनाने वाली फैक्ट्री में यूरिया के करीब 1400 कट्टे मिले हैं। इस मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यूरिया के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।