Khabarwala 24 News Hapur: Hapur यूपी के जनपद हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पसवाड़ा में 20 फरवरी 2020 में पांच वर्षीय मासूम की उसकी सौतेली मां और उसके प्रेमी ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं आरोपियों ने शव संदूक में छिपाकर कमरा बंद कर दिया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश /त्वरित न्यायालय प्रथम, हापुड़ मिताली गोविन्द राव ने इस मुकदमें की सुनाई करते निर्णय सुनाया। न्यायाधीश ने सौतेली मां और उसके प्रेमी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
एडीजीसी करुणा नागर ने बताया कि बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पसवाड़ा निवासी फकरू ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें फकरू ने बताया गया कि उसकी पत्नी का इन्तकाल हो गया था उससे उसके पांच बचे है। करीब नौ महीने पहले उसने पिलखुवा निवासी शबाना से निकाह कर लिया था। शबाना अपने पहले पति से दो बच्चे साथ लेकर आई थी। शबाना उसके ग्राम पसवाड़ा में तीन-चार महीने रही। वह डासना में करीब 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बेलदारी करता है। इतने कम पैसे की वजह से वह अपनी पत्नी को डासना नहीं ले जा सका। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया और शबाना अपने दोनो बच्चे लेकर अपने मायके पिलखुवा चली गई।
हतयाकांड को दिया अंजाम (Hapur)
18 फरवरी को अचानक अपने दोनों बच्चों को साथ लेकर पसवाड़ा आ गई। 20 फरवरी 2020 को वह सुबह छह बजे मजदूरी के लिए डासना जा रहा था तो शबाना ने चलने की जिद की तो उसने मना कर दिया । इसको लेकर दोनों में विवाद हो गया। इसी बात को लेकर 20 फरवरी को उसकी पत्नी ने मेरे बेटे मारूफ उम्र पांच वर्ष की हत्या करके शव को लोहे के बक्से में छिपाकर बाहर से कमरे का ताला लगा दिया।
मासूम की तलाश में जुटे परिजन (Hapur)
जब उसका बेटा मारूफ नहीं मिला तो गांव के जमालु व यासीन व डासना जनपद गाजियाबाद निवासी फिरोज ने उसके बेटे मारूफ को काफी तलाश करने के बाद उसकी पत्नी शबाना से चाबी लेकर कमरा खुलवाकर संदुक (बक्सा) को देखा तो उसके बेटे मारूफ की शव बक्से में था इससे पहले भी शबाना ने उसकी पहली पत्नी के बच्चे को जहर देकर मारने की कोशिश की थी। बहादुरगढ़ पुलिस ने पीड़ित की तहरीर मुकदमा दर्ज कर शबाना और उसके प्रेमी खानपुर जनपद बुलंदशहर निवासी नसीर को गिरफ्तार कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा (Hapur)
एडीजीसी करुणा नागर ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश /त्वरित न्यायालय प्रथम, हापुड़ मिताली गोविन्द राव ने मुकदमें की सुनवाई करते हुए ग्राम पसवाड़ा निवासी शबाना व कस्बा खानपुर, थाना खानपुर, जिला बुलन्दशहर निवासी नसीर को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302/34 के अन्तर्गत दंडनीय अपराध के आरोप में दोषसिद्ध करते हुए सश्रम आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को अंकन 20,000-20,000- रूपये के अर्थदंड से दंडित किया जाता है तथा अर्थदंड अदा न करने की दशा में अभियुक्तगण छह-छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगेंगे।
इन धाराओं में भी सुनाई सजा (Hapur)
एडीजीसी करुणा नागर भारतीय दंड संहिता की धारा 201 के अन्तर्गत अभियुक्त शबाना और नसीर को दोषसिद्ध करते हुए 5 वर्ष कारावास एवं प्रत्त्येक को 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तगण दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगेंगे। उपरोक्त सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।


