Saturday, May 31, 2025

मोनाड विश्वविद्यालय से फर्जी डिग्री-मार्कशीट का भंडाफोड़, चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 10 गिरफ्तार, पुलिस ने अदालत में किया पेश

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Khabarwala 24 News Hapur: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हापुड़ के मोनाड विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जी मार्कशीट और डिग्री रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। ऑपरेशन के दौरान 1372 फर्जी मार्कशीट व डिग्री, 262 फर्जी प्रोविजनल व माइग्रेसन प्रमाण पत्र 14 मोबाइल फोन, एक आईपैड, 7 लैपटॉप, 26 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 6 लाख 54 हजार 800 रुपये नकद बरामद किए गए। यह कार्रवाई भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 340 (1), 340(2), 111 और 336(3)के तहत दर्ज की गई।

क्या है पूरा मामला

एसटीएफ को उच्च अधिकारियों द्वारा प्राप्त शिकायती पत्र के आधार पर जांच शुरू की गई थी, जिसमें मोनाड विश्वविद्यालय और हरियाणा के संदीप सेहरावत व उनके सहयोगी राजेश द्वारा फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां तैयार कर मोटी रकम में बेचने की जानकारी मिली थी। निरीक्षक ओम शंकर शुक्ला के नेतृत्व में एसटीएफ की दो टीमें गठित की गईं, जिन्होंने पिलखुआ में मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई शुरू की।

फर्जी वाड़ा का खुलासा हुआ

शनिवार को मुखबिर की सूचना पर संदीप सेहरावत को सफेद सफारी गाड़ी के साथ हाईवे पर रोका गया। तलाशी में उनके पास से 8 फर्जी मार्कशीट, 2 मोबाइल फोन, एक चेकबुक, आधार कार्ड, HDFC बैंक कार्ड और 5700 रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ में संदीप ने विश्वविद्यालय के चांसलर विजेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़े का खुलासा किया।

टीम ने की छापेमारी

इसके बाद, एसटीएफ ने विश्वविद्यालय के सी-ब्लॉक में छापेमारी की, जहां विजेंद्र सिंह हुड्डा, मुकेश ठाकुर, अनिल बत्रा, नितिन कुमार सिंह, गौरव शर्मा, सनी कश्यप, इमरान, कुलदीप, विपुल ताल्यान और संदीप सेहरावत को गिरफ्तार किया गया। तलाशी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नकदी, लैपटॉप, सर्वर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। अभियुक्तों ने कबूल किया कि वे संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे और प्रति मार्कशीट/डिग्री 50000 से 400000 रुपये तक वसूलते थे।

जांच में दस्तावेज फर्जी निकले

जांच में पता चला कि बरामद दस्तावेजों को फर्जी बताया, क्योंकि इनमें प्रयुक्त एनरोलमेंट नंबर विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में नहीं थे। बरामद दस्तावेजों पर विश्वविद्यालय का नाम और डिजिटल हस्ताक्षर थे, जो फर्जी पाए गए। यह कार्रवाई शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़े के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है।

पहले भी विवादों में रह चुका है मोनाड विश्वविद्यालय

मोनाड विश्वविद्यालय पहले भी कई िववादों में रह चुकी है। यहां फर्जी छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप भी लग चुके हैं। विश्वविद्यालय के मालिक का नाम बाइक बोट घोटाले में भी सामने आया है। गत लोकसभा चुनाव में बिजेंद्र सिंह हुड्डा बसपा के टिकट पर  बिजनौर से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वह हार गए थे।

शनिवार को पहुंची थी एसटीएफ की टीम

फर्जी डिग्री मामले में एसटीएम की लखनऊ और मेऱठ की टीम शनिवार को भारी संख्या में पुलिस टीम के साथ  विश्वविद्यालय में पहुंची थी। जहां घंटे जांच करने के बाद विश्वविद्यालय के चेयरमैन समेत अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया है। एसटीएफ की इस कार्रवाई से विश्वविद्यालयम में अफरा तफरी मच गई थी।

क्या कहते हैं अफसर

एसटीएफ की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पटनीश कुमार,थाना प्रभारी निरीक्षक पिलखुवा।

 

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