Hapur News Khabarwala 24 News Hapur: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट ने पुलिस पर जान से मारने की नियत से फायरिंग करने के मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए ढाई-ढाई वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर पंद्रह-पंद्रह सौ रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
क्या है मामला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि पुलिस ने नगर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें पुलिस ने कहा कि मुखबिर ने 25 दिसंबर 2020 को सूचना दी कि दो बाइक पर पांच बदमाश किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए गांव दस्तोई से आदर्शनगर कालोनी की तरफ आने वाले हैं। जिस पर पुलिस बल दस्तोई रोड पर सरकारी अस्पताल के पास चैकिंग शुरू कर दी। तभी दो बाइक दस्तोई की तरफ से आती हुई दिखाई दी। पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने आवश्यक बल का प्रयोग कर बदमाशों को पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपने नाम मोनू उर्फ मंजीत पुत्र श्याम सिंह निवासी नंगली आजड थाना दौराला, जिला मेरठ, अल्ताफ उर्फ नीटू पुत्र अंसार निवासी गांव दीवान थाना चांदनी जिला पानीपत हरियाणा, गोलू उर्फ गुलवीर, काला उर्फ प्रवीण पुत्र जयेंद्र व अजय पुत्र धर्मपाल बताया।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा
पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश की। कुछ कारण के चलते आरोपी मोनू व अल्ताफ के मुकदमें की सुनवाई अन्य आरोपी से अलग कर दी गई। जिसके बाद उक्त आरोपियों के मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट में चल हर थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश उमाकांत जिंदल मामले में बुधवार को निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने अरोपी मोनू व अल्ताफ को दोषी करार दिया। अर्थदंड न देने पर दोषी को पंद्रह दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।