Hapur Khabarwala 24 Hapur : पर्व राज दशलक्षण पर्व के शुभ अवसर पर श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कसेरठ बाजार स्थित हापुड़ में भव्य आयोजन सांगानेर से पधारे प्रवीण जैन शास्त्री के सानिध्य में मवाना से आया ग्रुप के द्वारा संगीत की मधुर ध्वनि के साथ संपन्न कराया गया । प्रातः काल से ही मंदिर जी में अभिषेक, शांति धारा ,पूजा,अर्चना की गई विधान का आयोजन श्री राहुल जैन नरेंद्र संदीप जैन राजीव जैन के द्वारा कराया गया जिसमें काफी श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस दशलक्षण पर्व पर प्रवीण जैन शास्त्री ने बताया कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म भाद्रमाह के सुद चौदस को दिगंबर जैन समाज के पवाॅधिराज पर्यूषण दसलक्षण पर्व का दसवाँ दिन होता है इस दिन को अनंत चतुर्दशी कहते है ईस दिन को लोग परमात्मा के समक्ष अखंड दिया लगाते है।
(क) ब्रह्मचर्य हमें सिखाता है कि उन परिग्रहो का त्याग करना जो हमारे भौतिक संपर्क से जुडी हुई है
जैसे जमीन पर सोना न कि गद्दे तकियों पर, जरुरत से ज्यादा किसी वस्तु का उपयोग न करना, व्यय, मोह, वासना ना रखते सादगी से जीवन व्यतित करना ॥ कोई भी संत ईसका पालन करते है और विशेषकर जैनसंत शरीर, जुबान और दिमाग से सबसे ज्यादा इसका ही पालन करते हैं।
29 सितंबर को निकाली जाएगी भव्य शोभा यात्रा
जैन समाज के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन बताया कि दशलक्षण महापर्व के दस दिवसीय पूजन, विधान पाठ की समाप्ति पर आगामी 29 सितम्बर को आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कसेरठ बाजार से भव्य शोभा यात्रा प्रातः 10 बजे नगर मे निकाली जाएगी तथा रात्रि गढ़ रोड स्थित मनोहर हैरिटेज मे विराट कवि सम्मेलन आयोजित तथा जैन प्रतिभाओ का सम्मान समारोह आयोजित होगा। जिसमे डा. प्रवीण शुक्ल, अनिल अग्रवंशी,डा.कमलेश शर्मा, डा.कीती काले, गजेन्द्र, प्रयाशु, अभय निर्भीक, दीपक सैनी, डा. शुभम त्यागी आदि कविगण काव्य पाठ करेगे।
यह रहेंगे अतिथि
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री तथा कृषि अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता होगे,विधायक विजय पाल सिंह आढती, अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल, उपजिलाधिकारी सुनीता सिंह विशिष्ट अतिथि होगे।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर जैन समाज के प्रधान अनिल जैन,सुरेशचंद जैन,नितिन जैन, संजीव जैन,सुशील जैन,भुवन,अंकुर ,सचिन,अमित,अशोक जैन, आकाश जैन, विकास जैन ,तुषार जैन ,संदीप जैन, मोनू जैन,नमन,अंकित, सुधीर जैन,रेखा जैन प्रभा जैन , विनोदबाला,आदि लोग उपस्थित थे