Khabarwala 24 News New Delhi : Ganesh Chaturthi of Bhadon इस दिन गणपति जी का धरती पर आगमन होता है। बप्पा भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए 10 दिन तक पृथ्वी पर वास करते हैं। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर माता पार्वती और शंकर जी के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व पौराणिक मान्यताओं में सबसे खास माना गया है। इस दिन घर में गणेशजी को विराजित करने से सालभर सुख, बरकत प्राप्त होती है…
गणेश चतुर्थी का व्रत 6 या 7 सितंबर (Ganesh Chaturthi of Bhadon)
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03.01 से शुरू होकर 7 सितंबर को शाम 05.37 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में उदयातिथि से व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसे में भादों की गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी पर स्थापना का मुहूर्त (Ganesh Chaturthi of Bhadon)
गणेश चतुर्थी वाले दिन गणपति की स्थापना के लिए ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। बप्पा की स्थापना 7 सितंबर को सुबह 11.10 से दोपहर 1.39 के बीच कर लें। शुभ मुहूर्त में गणपति जी की स्थापना करें और विनायक चतुर्थी का व्रत करें।
गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे करते हैं (Ganesh Chaturthi of Bhadon)
भादों मास की गणेश चतुर्थी पर सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें। अब घर में बप्पा के सामने फलाहार व्रत का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणपति जी को स्थापित करें। भगवान को गंगाजल से स्नान करवाएं।
सिंदूर, चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। आरती के बाद प्रसाद बांट दें। शाम को फिर से गणेश जी की आरती करें और फिर भोग लगाएं। इसके बाद ही व्रत का पारण करें।
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Khabarwala 24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।