Khabarwala 24 News New Delhi: Donated Rs 200 Crore Become Monk गुजरात के एक व्यापारी ने करोड़ों की संपत्ति, सुख सुविधा छोड़कर भिक्षु बनने का निर्णय लिया है। व्यापारी का फैसला सुनकर लोग हैरान रह गए। लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि एक तरफ जहां लोग सुख सुविधाओं के लिए दिन-रात एक कर मेहनत करते हैं तो वहीं सुख और चैन की जिंदगी छोड़कर ये व्यापारी भिक्षु क्यों बनने जा रहा है।
सारी सुख सुविधाएं छोड़ दी (Donated Rs 200 Crore Become Monk)
गुजरात के साबरकांठा के हिम्मतनगर में रहने वाले भावेश भाई भंडारी ने सांसारिक जीवन की तमाम सुख सुविधाओं से दूरी बनाने का फैसला किया है। भावेश भाई के इस फैसले में उनकी पत्नी भी शामिल हैं। पति के साथ पत्नी ने भी सुख सुविधाओं को छोड़ने का फैसला किया है।
पुराना रिश्ता है भिक्षुओं से (Donated Rs 200 Crore Become Monk)
भावेश भाई भंडारी एक अच्छे और संपन्न परिवार से ताल्लुख रखते हैं। बचपन से ही वह आराम की जिंदगी जीते आ रहे हैं। परिवार का अहमदाबाद और साबरकांठा में व्यापार था। हालांकि इस परिवार का भिक्षुओं से रिश्ता पुराना है।
क्यों बने भंडारी दंपति भिक्षु? (Donated Rs 200 Crore Become Monk)
भंडारी परिवार का भिक्षुओं और जैन समुदाय के सदस्यों के साथ जुड़ाव रहा है। उनके दो बच्चों ने भी भिक्षु बनने का फैसला किया था। साल 2022 में 16 साल का लड़का और 19 साल की लड़की भी भिक्षु बन गए थे। इसके बाद भंडारी दंपति ने भी भिक्षु बनने का फैसला किया है।
भंडारी दंपति ने फैसला किया है कि वे एयर कंडीशनर, पंखे और सेल फोन सहित सभी आधुनिक वस्तुओं का त्याग कर देंगे। हिम्मतनगर में एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें 35 अन्य लोगों ने भिक्षु बनने का फैसला किया है। इस जुलूस में शामिल होने से पहले भावेश भाई ने अपने पूरे 200 करोड़ रुपये दे दिए।