Khabarwala 24 News New Delhi :Cigarette buds will do wonders दुनिया में जीवाश्वम ईंधन पर निर्भरता खत्म करने की कोशिश हो रही है पर उसकी जगह किसी दूसरे ऊर्जा स्रोत का उपयोग आसान नहीं है। वैज्ञानिकों ने एक शोध में सिगरेट के बड्स का उपयोग कर इससे सस्ता करने का उपाय निकालने का दावा किया है. बायोफ्यूल जीवाश्वम ईंधन का अच्छा विकल्प बताया जा रहा है, पर ऐसे उपाय भी तलाशे जा रहे हैं. ये विकल्प भी सस्ते और आसानी से मिल सके। नए स्रोतों का हर जगह मिल पाना, वाहनों का उन्हें आसानी से उपयोग कर पाने में कई चुनौतियां हैं। बायोडीजल के साथ सबसे बड़ी समस्या उसकी अधिक लागत है जिससे वह एक महंगे विकल्प के तौर पर देखा जाता है।
जैविक पदार्थों से बना डीजल (Cigarette buds will do wonders)
बायोफ्यूल पेड़ पौधौं से निकलने वाले तेल, जानवरों के फैट, रेस्तरां आदि से निकले ग्रीस का कचरा, जैसे जैविक पदार्थों से बना डीजल होता है. यह फिर से उपयोग करने लायक होता है। इसके साथ ही इसके उपयोग से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजें नहीं बनती हैं, यानी कि इससे प्रदूषण नहीं होता है।
सिगरेट बड्स से समाधान (Cigarette buds will do wonders)
एनालिटिकल एंड एप्लाइड फिजिक्स में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इसका एक समाधान सिगरेट बड्स के जरिए निकाला है. पिछले अध्ययन दर्शाते हैं कि ट्राइग्लिसेराइड ट्राइएसेटिन जैसी चीजें बायोडीजल में डालने से उससे होने वाला वायुप्रदूषण तो कम होगा ही, उसकी कारगरता भी बढ़ जाएगी।
कई कैमिकल्स का उपयोग (Cigarette buds will do wonders)
ट्राइएसेटिन बनाना पर्यावरण के लिए हानिकारक है. इसमें कई कैमिकल्स का इस्तेमाल होने से जहरीला कचरा बनता है। लिथुआनिया की कौनुस यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने लिथुआनिया एनर्जी इस्टीट्यूट के साथ मिलकर सिगरेट बड्स का उपयोग कर ट्राइएसेटिन बनाने में सफलता हासिल की है।
750 डिग्री में डिकम्पोज
वैज्ञानिकों ने पायरोलिसिस का उपयोग कर 750 डिग्री सेल्सियस के तापमान में सिगरेट बड्ज को डिकम्पोज किया. जिससे ट्राइएसेटिन वाले तेल के साथ तेल, ‘चार’ और गैस भी मिले। वे पर्यावरण को हानि भी नहीं पहुंचाते हैं. तेल में मौजूद ट्राइएसेटिन को बायडीजल में मिलाने से ही उसकी लागत और कम हो सकेगी।