Khabarwala 24 News New Delhi : Charging while Driving बहुत से लोग इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने का मूड तो बनाते हैं, लेकिन ईवी को चार्ज करने के झंझट को देखते हुए अपना मन बदल लेते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन एक बार चार्ज करने पर ज्यादा दूर नहीं चलते और इन्हें चार्ज करने में समय भी लगता है। इसी दिक्कत को दूर करने को केरल सरकार ने अब एक धांसू प्लान बनाया है। राज्य सरकार की यह योजना सिरे चढी तो आप घर पर चार्ज किए बगैर भी अपने ईवी को सड़क पर रात-दिन बेधड़क दौड़ा पाएंगे। सड़क पर दौड़ते समय गाड़ी खुद ही चार्ज हो जाएगी। ऐसा होगा वायरेलस ईवी चार्जिंग व्यवस्था शुरू होने से. चार्जिंग स्टेशंस का नेटवर्क भी अभी विकसित नहीं हुआ है।
परीक्षण जल्द होगा शुरू (Charging while Driving)
एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार अगले वित्त वर्ष में वायरलेस ईवी चार्जिंग व्यवस्था शुरू करने जा रही है, जिसमें वाहन चलते-चलते चार्ज होते रहेंगे। इसके लिए सड़क को विशेष तरीके से ही बनाया जाएगा। सड़क सतह के नीचे तांबे की कॉइल होगी। इससे ईवी चार्ज होते रहेंगे। केरल में बिजली विभाग के अपर मुख्य सचिव केआर ज्योतिलाल का कहना है कि बिल्कुल ऐसा होगा, जैसे आप ईवी के बजाय सड़क को चार्ज कर रहे हैं। परीक्षण शुरू करने की कोशिश सरकार की है।
कैसे चार्ज होंगे वाहन (Charging while Driving)
फिएट, सिट्रों, क्राइसलर और प्यूजो जैसे वाहन ब्रांडों की मूल कंपनी स्टेलैंटिस इटली के कियारी में पहले ही डायनमिक वायरलेस पावर ट्रांसफर (डीडब्ल्यूपीटी) तकनीक दिखा चुकी है। इसमें इजरायल की कंपनी इलेक्ट्रेऑन वायरलेस की वायरलेस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया। दुनिया में चंद कंपनियों के पास ही यह तकनीक है। इलेक्ट्रेऑन की प्रेजेंटेशन में समझाया है कि आखिर सड़क के नीचे लगी काइल से कैसे ईवी बिना किसी तार से कनेक्ट हुए चार्ज होंगे।
तकनीक आजमाई गई (Charging while Driving)
सबसे पहले सड़क के नीचे और ऊपर एक ढांचा बनाया जाता है। सड़क के उपर के ढांचे को ग्राउंड मैनेजमेंट यूनिट (एएमयू) कहते हैं। यह एएमयू ग्रिड से बिजली लेकर सड़क के नीचे मौजूद चार्जिंग ढांचे को देती है। ढांचे में मौजूद तांबे की कॉइल इसे वाहनों में लगे रिसीवर तक पहुंचा देती है। रिसीवर से बिजली सीधे इंजन में चली जाती है। दुनिया के दूसरे हिस्सों में ऐसी तकनीक छोटी-छोटी दूरी के लिए आजमाई गई है।
दोपहिया ईवी हैं केरल में
वायरलेस ईवी चार्जिंग में कॉन्टिनेंटल एजी, दाइहेन कॉरपोरेशन, डेलाशॉक्स ग्रुप, एलिक्स वायरलेस, हेवो और इंडक्ट ईवी प्रमुख कंपनियां हैं। जेएम फाइनैंशियल की रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से सितंबर, 2023 तक भारत में ईवी विशेषकर ई-दोपहिया की सबसे अधिक पैठ केरल में ही दिखी. केरल में कुल दोपहिया में करीब 12.2 फीसदी ईवी हैं. महाराष्ट्र में 9.5 फीसदी, कर्नाटक में 10.6 फीसदी, गुजरात में 6.9 फीसदी और तमिलनाडु में 5.2 फीसदी ई-दोपहिया हैं।