Khabarwala 24 News New Delhi : Bhadra of Choti Holi होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह दो दिवसीय त्योहार है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग खेला जाता है, जिसे धुलण्डी भी कहते हैं। छोटी होली के दिन ही भद्रा भी लग रही है। सूखे गुलाल और पानी के रंगों का उत्सव मनाते हैं।
मौज-मस्ती के कारण दूसरे दिन को ही होली का मुख्य दिन माना जाता है। इसे रंगोंवाली होली या धुलण्डी के नाम से भी जानते हैं। ब्रज की होली दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ब्रज के मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव और बरसाना में होली के त्योहार में शामिल होने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसमें भी बरसाना की लट्ठमार होली तो निराली है। आइये जानते हैं होलिका दहन का मुहूर्त और होली का महत्व, इस दिन कौन से योग बन रहे हैं…
कब है होली 2024 (Bhadra of Choti Holi)
होली का पर्व फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 9.54 बजे हो रही है और यह तिथि 25 मार्च को दोपहर 12.29 बजे संपन्न हो रही है। इसलिए होलिका दहन 24 मार्च रविवार को होगा। धुलण्डी 25 मार्च को मनाई जाएगी।
होली पर शुभ योग (Bhadra of Choti Holi)
होली पर दो शुभ योग बन रहे हैं। वृद्धि योग रात 9.30 बजे तक है, जबकि ध्रुव योग का समय 24 मार्च को पूरे दिन है। वहीं होलिका दहन का मुहूर्त रात 11.13 बजे से रात 12.07 बजे तक है।
भद्रा का ये समय (Bhadra of Choti Holi)
पंचांग के अनुसार होलिका दहन पर भद्रा का साया है। 24 मार्च को होलिका दहन के दिन ही भद्रा भी लग रही है। इस दिन भद्रा सुबह 09.54 बजे से लग रही है जो रात 11 बजकर 13 मिनट तक है। इस दिन भद्रा की पूंछ का समय शाम 06:33 से शाम 07:53 बजे तक, भद्रा के मुख का समय शाम 07:53 बजे से रात 10:06 बजे तक है।
पचांग के अनुसार
पंचांग के अनुसार होलिका दहन के दिन पृथ्वी लोक पर भद्रा का वास सुबह 09:54 बजे से दोपहर 02:20 बजे तक है, पृथ्वी लोक की भद्रा ही हमारे लिए प्रभावी मानी जाती है। इसलिए इस समय कोई काम नहीं करते, वहीं पाताल लोक भद्रा का वास दोपहर 02:20 बजे से रात 11:13 बजे तक है।