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Delhi में नहीं चला सकते 10 साल पुरानी गाड़ी… अब गाड़ी का क्या होगा? क्या दूसरे राज्यों में चल जाएगी? जानें नियम

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khabarwala24 News: दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में पुरानी गाड़ियों के लिए नए नियम लागू हो गए हैं। अगर आपकी डीजल गाड़ी 10 साल पुरानी है या पेट्रोल गाड़ी 15 साल पुरानी है, तो अब आप इसे दिल्ली की सड़कों पर नहीं चला सकते। 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में End-of-Life Vehicles (EoL) यानी तय समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इस नियम के तहत न केवल पुरानी गाड़ियों को चलाने पर रोक है, बल्कि पेट्रोल पंपों पर भी इन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता पकड़ा गया, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर क्यों लगी रोक? (Delhi NCR)

दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। पुरानी गाड़ियां, खासकर डीजल और पेट्रोल से चलने वाली, अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। इसलिए, सरकार ने National Green Tribunal (NGT) और Supreme Court के निर्देशों के तहत 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है। इस नियम का मकसद दिल्ली की हवा को साफ करना और पर्यावरण को बेहतर बनाना है।

1 जुलाई 2025 से दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में इन गाड़ियों को चलाना गैरकानूनी है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी गाड़ी सड़क पर चलाते पकड़ा जाता है, तो उसे traffic police द्वारा चालान काटा जाएगा। साथ ही, पेट्रोल पंपों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी गाड़ियों को ईंधन न दें।

पुरानी गाड़ी चलाने पर कितना चालान?

दिल्ली (Delhi NCR) में पुरानी गाड़ी चलाने वालों के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है। नियम तोड़ने पर निम्नलिखित चालान लागू होंगे:

  • चार पहिया वाहन: अगर आप 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी चलाते पकड़े गए, तो आपको 10,000 रुपये का चालान भरना होगा।
  • दो पहिया वाहन: अगर आपकी बाइक या स्कूटर की उम्र तय सीमा से अधिक है, तो इसे जब्त करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

इसके अलावा, बार-बार नियम तोड़ने पर गाड़ी को स्थायी रूप से जब्त भी किया जा सकता है। इसलिए, दिल्ली (Delhi NCR) में पुरानी गाड़ी चलाने से पहले दो बार सोच लें।

पुरानी गाड़ी का क्या करें? स्क्रैपिंग है पहला ऑप्शन

अगर आपकी गाड़ी की उम्र पूरी हो चुकी है, तो सबसे पहला सवाल यह आता है कि अब इसका क्या होगा? क्या इसे कबाड़ में बेचना ही एकमात्र रास्ता है, या इसे दोबारा सड़कों पर चलाया जा सकता है? आइए, पहले vehicle scrapping के नियम और प्रक्रिया को समझते हैं।

गाड़ी को कबाड़ में देने की प्रक्रिया

अगर आप अपनी गाड़ी को कबाड़ में बेचना चाहते हैं, तो सीधे किसी कबाड़ीवाले को गाड़ी सौंपना सही नहीं है। इसके लिए आपको सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में government-approved car scrappers के पास ही गाड़ी को स्क्रैप करना होगा। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

  1. RTO से सर्टिफिकेट लें: सबसे पहले आपको अपने नजदीकी Regional Transport Office (RTO) में जाना होगा। वहां आपको गाड़ी को स्क्रैप करने के लिए एक सर्टिफिकेट बनवाना होगा।
  2. जरूरी दस्तावेज: सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
    • गाड़ी का मूल Registration Certificate (RC)।
    • मूल Fitness Certificate, जिसमें गाड़ी को अयोग्य घोषित किया गया हो।
    • मालिक का PAN Card, Aadhaar Card या कोई अन्य वैध पहचान पत्र।
    • पते का प्रमाण, जैसे electricity bill या water bill।
  3. चेसिस नंबर हटाएं: गाड़ी को स्क्रैप करने से पहले उसका chassis number हटाना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी का कोई हिस्सा गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल न हो।
  4. स्क्रैप डीलर को दस्तावेज दें: अधिकृत स्क्रैप डीलर को गाड़ी से संबंधित सभी दस्तावेजों की डिजिटल और हार्ड कॉपी देनी होगी।

स्क्रैपिंग का सर्टिफिकेट और VAHAN डेटाबेस

Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) के नियमों के अनुसार, अधिकृत स्क्रैप डीलर को स्क्रैपिंग प्रक्रिया को CCTV camera में रिकॉर्ड करना होगा और इसे अपने IT database में अपलोड करना होगा। इसके बाद, स्क्रैप डीलर एक डिजिटल Certificate of Vehicle Scrapping जारी करेगा। यह सर्टिफिकेट VAHAN database और National Register में अपलोड किया जाएगा, जिससे गाड़ी को de-register करने में मदद मिलेगी।

इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि गाड़ी का रिकॉर्ड पूरी तरह से हटा दिया जाए और इसका कोई गलत इस्तेमाल न हो।

car scrap policy
car scrap policy

क्या पुरानी गाड़ी को दूसरे राज्यों में चला सकते हैं?

अगर आप अपनी गाड़ी को कबाड़ में नहीं देना चाहते, तो एक दूसरा ऑप्शन है- इसे किसी ऐसे राज्य में ट्रांसफर करना जहां पुरानी गाड़ियों पर 10 या 15 साल की समयसीमा लागू नहीं है। लेकिन इसके लिए भी कुछ कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। आइए, जानते हैं कि किन राज्यों में आप अपनी गाड़ी को ट्रांसफर कर सकते हैं और इसके लिए क्या करना होगा।

दिल्ली से गाड़ी ट्रांसफर की प्रक्रिया

दूसरे राज्य में गाड़ी ट्रांसफर करने के लिए आपको निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  1. NOC लेना अनिवार्य: सबसे पहले आपको दिल्ली के RTO से No Objection Certificate (NOC) लेना होगा। यह सर्टिफिकेट तभी मिलेगा जब गाड़ी की वैलिडिटी खत्म होने से पहले आप आवेदन करें।
  2. दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन: एनओसी मिलने के बाद, आप जिस राज्य में गाड़ी ट्रांसफर करना चाहते हैं, वहां के RTO में जाकर नया रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
  3. राज्य-विशिष्ट नियम: हर राज्य और जिले में पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के नियम अलग-अलग हैं। इसलिए, ट्रांसफर से पहले उस राज्य के नियमों की जानकारी लेना जरूरी है।

राजस्थान में पुरानी गाड़ी के नियम

राजस्थान में दिल्ली की पुरानी गाड़ियों को रजिस्टर करने का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं। Joint Transport Commissioner जगदीश प्रसाद बैरवा के अनुसार:

  • दिल्ली से NOC लेना अनिवार्य है।
  • राजस्थान के निवासियों या वहां काम करने वालों की गाड़ियों को रजिस्टर किया जा सकता है।
  • Alwar और Bharatpur जैसे NCR क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता, लेकिन अन्य जिलों में यह संभव है।

उत्तर प्रदेश में पुरानी गाड़ी के नियम

उत्तर प्रदेश में भी पुरानी गाड़ियों को कुछ जिलों में रजिस्टर किया जा सकता है। Lucknow RTO के संजय तिवारी के अनुसार:

  • उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता।
  • बाकी जिलों में दिल्ली से NOC लेकर गाड़ी को रजिस्टर करवाया जा सकता है।

अन्य राज्यों के नियम

  • हिमाचल प्रदेश: यहां पुरानी गाड़ियों को ट्रांसफर करना संभव नहीं है।
  • बिहार: कुछ जिलों में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध है, लेकिन अन्य जिलों में ट्रांसफर संभव है।
  • महाराष्ट्र: केवल 26 जिलों में डीजल गाड़ियों को ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • पश्चिम बंगाल: BS-4 या BS-3 डीजल इंजन वाली गाड़ियों को ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • मेघालय: 15 साल से कम उम्र की डीजल गाड़ियों को ट्रांसफर किया जा सकता है।
delhi end of vehicle life rule other state noc
delhi end of vehicle life rule other state noc

आप ऊपर दी गई फोटो में देख सकते हैं कि किस राज्य में किन जिलों के लिए एनओसी दी जा सकती है। जैसे बिहार, महाराष्ट्र कई जिलों में एनओसी नहीं दी जाती है।

पुरानी गाड़ी को बचाने के लिए क्या करें?

अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को दिल्ली में नहीं चलाना चाहते और न ही इसे कबाड़ में देना चाहते हैं, तो ट्रांसफर सबसे अच्छा ऑप्शन है। लेकिन इसके लिए समय रहते NOC लेना जरूरी है। साथ ही, जिस राज्य में आप गाड़ी ट्रांसफर करना चाहते हैं, वहां के RTO rules की पूरी जानकारी ले लें।

दिल्ली-एनसीआर में 1 जुलाई 2025 से लागू हुए नए नियमों के तहत 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को चलाना गैरकानूनी है। इन गाड़ियों को न तो ईंधन मिलेगा और न ही सड़कों पर चलाने की अनुमति होगी। नियम तोड़ने पर 10,000 रुपये (चार पहिया) और 5,000 रुपये (दो पहिया) का चालान कटेगा। अगर आप गाड़ी को कबाड़ में देना चाहते हैं, तो government-approved scrappers के पास जाएं और जरूरी दस्तावेज जमा करें।

वैकल्पिक रूप से, आप गाड़ी को उन राज्यों में ट्रांसफर कर सकते हैं जहां पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसके लिए दिल्ली से NOC लेना अनिवार्य है। इस लेख में दी गई जानकारी आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगी।

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