Hapur Khabarwala 24 News Hapur: श्री रामलीला समिति (रजि.), द्वारा श्री रामलीला महोत्सव के अंतर्गत ताड़का नगर गश्त किया गया।
तड़का नगर भ्रमण 697, गीता निवास देवलोक कालोनी (निकट शांति निकेतन स्कूल) से प्रारम्भ होकर शिव मंदिर होते हुए लाल कोठी शेर वाली कोठी से पक्का बाग से चंडी रोड से सर्राफा बाजार से कसेरठ बाजार से कोठी गेट होते हुए श्री रामलीला मैदान पर सम्पन्न हुई। तत्पश्चात श्री रामलीला मंचन का शुभारंभ प्रधान रविन्द्र गुप्ता एवम महामंत्री विनोद वर्मा ने समिति के पदाधिकारियों के साथ भगवान श्री राम की आरती करके किया।मंचन के दौरान व्यास जी ने बताया कि जब राक्षसों की प्रताड़ना से दुखी ऋषि-मुनियों ने रक्षा के लिए मुनि विश्वामित्र से गुहार लगाई। इस पर मुनि विश्वामित्र महाराजा दशरथ के दरबार में जाते हैं। राजा दशरथ उन्हें राज सिंहासन पर विराजमान करवाते हैं। फिर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को बुलाकर उन्हें मुनि विश्वामित्र का आशीर्वाद दिलाते हैं। वह ऋषि मुनियों की राक्षसों से रक्षा के लिए श्रीराम और लक्ष्मण को साथ भेजने के लिए कहते हैं। तभी दुखी मन से राजा दशरथ पीड़ा बयां करते हुए कहते हैं, चाहे मेरे प्राण ले लें, मुझे तनिक भी भय नहीं परंतु कठोर व भयानक राक्षसों के बीच अपने पुत्रों को मैं भला कैसे जाने दूं।
गुरु वशिष्ठ के समझाने पर राजा दशरथ ने बोझिल मन से श्रीराम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ जाने की आज्ञा प्रदान की। श्रीराम व लक्ष्मण को देखते ही ताड़का राक्षसी हुंकारते हुए उनकी ओर दौड़ी। श्रीराम के एक ही बाण से उसका वध हो गया। इसके बाद श्रीराम मुनि विश्वामित्र से भूख-प्यास से विचलित न होने एवं बल प्राप्ति की मंत्र विद्या प्राप्त करते हैं। साथ ही ऋषियों से निर्भय होकर यज्ञ करने को कहते हैं।
यह रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल, नवीन वर्मा, अनिल आजाद एडवोकेट, नन्हेमल ठेकेदार, शुभम गोयल एडवोकेट, अंकुर गर्ग, नवीन गुप्ता, अतुल सोनी, सुयश वशिष्ठ, मुकुट वर्मा, अविनाश आजाद, विमल वर्मा, दीपक वर्मा, विवेक सिंहल, चंद्रप्रकाश ठठेरे, रामकुमार गर्ग आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।