Khabarwala 24 News New Delhi : Airtel and SpaceX एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ भारती एयरटेल ने करार किया है जिसके तहत भारत में जल्द ही स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। एयरटेल और स्पेसएक्स मिलकर एयरटेल के रिटेल स्टोर्स में स्टारलिंक डिवाइसों की बिक्री, बिजनेस, ग्राहकों को सेवा प्रदान करने, ग्रामीण क्षेत्रों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने के क्षेत्र में कार्य करेंगे। यह पहल उन क्षेत्रों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी लाने का प्रयास करेगी जहां अब तक ब्रॉडबैंड सेवा नहीं पहुंच पाई है। यह देश में इस तरह का पहला समझौता है।
एयरटेल ने कही ये बात (Airtel and SpaceX)
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष गोपाल विट्टल ने कहा कि स्पेसएक्स के साथ साझेदारी कर एयरटेल ग्राहकों के लिए स्टारलिंक सेवा लाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या है स्टारलिंक सेवा (Airtel and SpaceX)
स्पेसएक्स की स्टारलिंक सेवा एक सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम है जिसका लक्ष्य पूरी दुनिया में मोबाइल ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना है। गोपाल विट्टल ने कहा कि इस सहयोग से भारत के सबसे पिछड़ें इलाकों तक विश्वस्तरीय हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचाने की क्षमता बढ़ेगी।
स्पेसएक्स ने क्या कहा (Airtel and SpaceX)
स्पेसएक्स की अध्यक्ष ग्विन शॉटवेल ने कहा कि एयरटेल की टीम भारत की टेलीकॉम क्रांति में एक अहम भूमिका निभा चुकी है। ऐसे में स्पेसएक्स द्वारा एयरटेल के साथ मिलकर अपने डायरेक्ट ऑफरिंग को और प्रभावी बनाना बिजनेस के हिसाब से एक बेहतरीन कदम है।
रिलायंस जियो का दबदबा (Airtel and SpaceX)
साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि भारत में स्टारलिंक सेवा से लोग किस प्रकार से अपने व्यवसाय में बदलाव ला सकते हैं। वर्तमान में, भारत के ब्रॉडबैंड मार्केट पर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो का दबदबा है। एयरटेल के भी 30 करोड़ से अधिक ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं।
भारत में ब्रॉडबैंड स्थिति (Airtel and SpaceX)
मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के 1.4 करोड़ से अधिक वायर्ड ब्रॉडबैंड ग्राहक और लगभग 50 करोड़ मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हैं। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियां चिंतित हैं कि 20 अरब डॉलर से अधिक खर्च कर स्पेक्ट्रम हासिल करने के बाद, वे अपने ग्राहकों को एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा के कारण खो सकती हैं क्योंकि सैटेलाइट तकनीक काफी तेजी से विकसित हो रही है।