Khabarwala 24 News New Delhi: Satyapal Malik जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। उनकी हालत पिछले कुछ महीनों से गंभीर बनी हुई थी, और वह किडनी की गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे। मलिक को 11 मई 2025 को RML अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, मलिक को मूत्रमार्ग में संक्रमण के कारण गंभीर जटिलताएं हुईं, जिससे उनके दोनों किडनी फेल हो गए।
छात्र राजनीति से शुरू किया था राजनीतिक करियर (Satyapal Malik)
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था। समाजवादी विचारधारा से प्रेरित मलिक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। वह 1974-77 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और 1980 से 1989 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। 1989 में जनता दल के टिकट पर वह अलीगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की और 2017 से 2022 तक बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे।
राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे (Satyapal Malik)
मलिक का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था। उन्होंने बाद में दावा किया कि उन्हें इस फैसले की जानकारी पहले नहीं थी। वह हाल के वर्षों में केंद्र सरकार और BJP के खिलाफ मुखर रहे, खासकर किसान आंदोलन और अन्य सामाजिक मुद्दों पर। मलिक की समाजवादी विचारधारा और किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें खास पहचान दी। वह राम मनोहर लोहिया के अनुयायी थे और हमेशा सार्वजनिक हित में अपनी बात रखने के लिए जाने गए। उनके निधन पर कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। मलिक के निधन ने भारतीय राजनीति में एक युग का अंत कर दिया।
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