Khabarwala 24 News : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) जिले के बंडा क्षेत्र में एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जो सामाजिक सीमाओं को तोड़ती नजर आती है। एक 45 वर्षीय विधवा महिला, जो अपनी 20 वर्षीय बेटी के लिए दूल्हा तलाशने निकली थी, वह खुद उस युवक के प्रेम में पड़ गई। हैरानी की बात यह है कि जब बेटी को इस रिश्ते की जानकारी मिली, तो उसने अपनी मां की खुशी को प्राथमिकता दी और अपनी शादी टाल दी।
पति की मृत्यु के बाद अकेले संभाला परिवार
महिला के पति का निधन तीन साल पहले हो गया था। तब से वह अपने ससुराल में चार बच्चों, तीन बेटों और एक बेटी के साथ रह रही थी। अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए रिश्ता ढूंढते समय उसकी मुलाकात एक 22-23 वर्षीय युवक से हुई।
फोन पर बातचीत से शुरू, प्यार में बदला रिश्ता
बेटी के संभावित दूल्हे से बातचीत के दौरान दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ा। शुरुआती साधारण बातचीत धीरे-धीरे गहरे अपनापन में बदली और अंततः प्यार में तब्दील हो गई। उम्र में करीब आधा होने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे को जीवनसाथी चुन लिया।
बेटी की परिपक्वता ने जीता दिल
जब इस रिश्ते की बात बेटी को पता चली, तो उसने नाराजगी या विरोध की बजाय परिपक्वता दिखाई। उसने अपनी मां से कहा, “मां, आप खुश रहो। पहले आप शादी कर लो, मेरी शादी बाद में हो जाएगी।” बेटी के इस फैसले ने सभी का दिल जीत लिया।
मंदिर में सादगी से हुई शादी
बेटी और युवक के परिवारों की सहमति के बाद, चार दिन पहले शाहजहांपुर के एक मंदिर में दोनों ने सादगी से जयमाला पहनाकर विवाह कर लिया। इस शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल गई और यह लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन गई।
गांव में चर्चा का केंद्र
शादी के बाद महिला अपने पति को साथ नहीं लाई और अकेले अपने गांव लौट आई। गांव में इस अनोखी शादी की खबर फैलते ही यह चर्चा का विषय बन गई। हालांकि, कई ग्रामीणों ने इस पर खुलकर बोलने से इंकार कर दिया, लेकिन चौपालों और बाजारों में इसकी चर्चा जोरों पर है।