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भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए करें अपरा एकादशी का व्रत, 22 है या 23 मई, एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

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Khabarwala 24 News New Delhi :  अपरा एकादशी का व्रत रखने से हर कार्य में अपार सफलता मिलती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो सारे बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं, जिसमें से एक है अपरा एकादशी लेकिन इस बार अपरा एकादशी की तिथि को लेकर कंफ्यूजन हो रही है। किसी का कहना है कि एकादशी का व्रत 22 मई को रखा जाएगा तो कोई 23 मई को अपरा एकादशी होने की बात कर रहा है।

अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 22 मई को तड़के रात 1:12 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 23 मई को रात 10:29 मिनट पर होगा। ऐसे में अपरा एकादशी का व्रत 23 मई, शुक्रवार के दिन ही रखा जाएगा।

अपरा एकादशी व्रत का पारण कब है?

अपरा एकादशी व्रत 23 मई के दिन रखा जाएगा, जिसके चलते इस व्रत का पारण अगले दिन 24 मई, शनिवार के दिन किया जाएगा। अपरा एकादशी व्रत पारण करने का समय 24 मई को सुबह 6:01 मिनट से सुबह 8:39 मिनट के बीच कर सकते हैं।

इस दिन श्री विष्णु को प्रसन्न कैसे करें? 

अपरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें फिर अपरा एकादशी का व्रत शुरू होता है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। अपरा एकादशी पर श्री हरि विष्णु की पूजा करने के लिए चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर विष्णु भगवान की प्रतिमा रखें। इसके बाद दीपक जलाएं और फल, अक्षत, फल, तुलसी, मेवा आदि अर्पित करें। अब भगवान विष्णु की आरती करें। मंत्रों का जाप करें और पूजा समाप्त करें।

श्रीहरि विष्णु के मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:

ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्:

ॐ विष्णवे नमः

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