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दिमाग पर असर डाल रही वायु प्रदूषण और शोर की दोहरी मार, बढ़ सकता है स्ट्रोक का खतरा, रिसर्च में खुलासा

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Khabarwala 24 News New Delhi : Research revealed आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में वायु प्रदूषण और शोरगुल एक आम बात हो गई है। हाल ही में एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वायु प्रदूषण और सड़क के शोर की दोहरी मार से स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ सकता है।

डेनमार्क में की गई इस स्टडी में करीब 3.5 मिलियन लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। यह अध्ययन करीब 10 सालों तक किया गया। रिसर्च में यह पाया गया कि जिन इलाकों में वायु प्रदूषण और सड़क का शोर ज्यादा था, वहां लोगों को स्ट्रोक होने का खतरा भी ज्यादा देखा गया। इस स्टडी में खासतौर पर दो मुख्य कारणों पर ध्यान दिया गया।

गाड़ियों से होने वाला लगातार शोर 

हवा में मौजूद बारीक प्रदूषण कण (PM2.5) और गाड़ियों से होने वाला लगातार शोर का जब असर एक साथ होता है, तो हमारे मस्तिष्क की नसों पर बुरा असर पड़ता है, जिससे स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं 

ये कण खून में सूजन पैदा करते हैं और धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे खून का बहाव प्रभावित होता है, जो स्ट्रोक का मुख्य कारण बन सकता है। प्रदूषण से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं, जो दिमाग की नसों को कमजोर कर सकती हैं।

शोर का मस्तिष्क पर पड़ेगा असर 

लगातार ट्रैफिक का शोर या तेज आवाजें मस्तिष्क के लिए तनाव का कारण बनती हैं। जब इंसान लंबे समय तक शोर में रहता है, तो उसकी नींद पर असर पड़ता है। दिल की धड़कन तेज होती है और मानसिक थकावट बढ़ जाती है।

नर्वस सिस्टम को एक्टिव रखता है 

शोधकर्ताओं के अनुसार, शोर हमारे नर्वस सिस्टम को एक्टिव रखता है, जिससे हार्मोनल बदलाव होते हैं और इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। यह सब मिलकर स्ट्रोक के खतरे को और बढ़ा देते हैं। रोज़ाना व्यायाम करें। संतुलित आहार लें और तनाव से बचें।

किस पर है सबसे ज्यादा खतरा? 

इस रिसर्च के अनुसार, बुजुर्गों, दिल के मरीजों, डायबिटीज के रोगियों और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में यह खतरा ज्यादा देखा गया। साथ ही जो लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां प्रदूषण और शोर दोनों ज्यादा हैं, वे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

सोने का कमरा शांत, साफ-सुथरा (Research revealed)

जब हवा की गुणवत्ता खराब हो, तो बाहर जाने से बचें या मास्क पहनें। अपने घर के आसपास पौधे लगाएं, जिससे प्रदूषण कम हो सके। ट्रैफिक वाले इलाकों में शोर से बचने के लिए घर की खिड़कियां बंद रखें। सोने का कमरा शांत, साफ-सुथरा रखें, ताकि नींद पूरी हो सके।

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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