Khabarwala 24 News New Delhi: Boycott Turkey: भारत के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई में तुर्की ने पाक का सपोर्ट किया, जिसके बाद भारत में तुर्की का बायकॉट शुरू हो गया है। पहले व्यापारियों ने सेब और मार्बल तुर्की से न लेने का फैसला किया। अब देश में हैशटैग बायकॉट तुर्की शुरू हो गया है।
इससे आने वाले समय में भारत में तुर्की से आने वाले अन्य सामानों पर पाबंदी लगाई जा सकती है। फिलहाल भारत में तुर्की की बहुत सी डिशें भी हैं, जो काफी पसंद की जाती हैं। इस बायकॉट के बाद होटलों में भी इनकी मांग पर असर पड़ सकता है। जानिए अभी भारत में तुर्की से क्या-क्या सामान आता है।
भारत में तुर्की का सामान (Boycott Turkey)
भारत में बड़े पैमाने पर मार्बल तुर्की से लाया जाता है। भारत में आयात होने वाले मार्बल का ७० फीसदी तुर्की से ही लाया जाता है। वहीं, एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की से हर साल लगभग एक लाख 29 हजार 882 मीट्रिक टन सेब का आयात किया जाता है। पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब नहीं लेने का ऐलान किया है।
इसके अलावा, भारत में तुर्की से कालीन, फर्नीचर, हाथ से बने सजावटी सामान आते हैं। वहीं, फैब्रिक में सिल्क, लिनन, जैतून का तेल, सूखे मेवे, चेरी, मसाले और हर्बल के कुछ पीने वाले पदार्थ भी मंगाए जाते हैं। इंडस्ट्रियल मशीन, निर्माण उपकरण और कृषि उपकरण भी तुर्की से लाए जाते हैं।
तुर्की की कौन सी डिश भारत में फेमस? (Boycott Turkey)
कुछ दिन पहले इजराइल और फिलिस्तीन की जंग के बीच भारत में बायकॉट इजराइल चला। इसके तहत लोगों ने इजराइल के बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल कम कर दिया। यही नहीं, अभी तक भी भारत के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर इजराइली सामानों का इस्तेमाल पर बैन बना हुआ है।
अभी भारत में तुर्की का बायकॉट किया जा रहा है और भारत में तुर्की के सामानों की काफी मांग है, लेकिन इसी बीच यह मांग घट सकती है। साथ ही दिल्ली समेत कई राज्यों में तुर्की की डिशों की काफी मांग है। कुछ लोग सिर्फ इन व्यंजनों के लिए ही होटलों में जाते हैं। कुछ ऐसे होटल भी हैं, जो केवल तुर्की की डिशें ही बनाते हैं।
तुर्किश कबाब और कुनाफा (Boycott Turkey)
तुर्की की स्वीट डिश कुनाफा काफी फेमस है। कुनाफा का चलन सोशल मीडिया की वजह से ज्यादा सामने आया है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे बहुत से होटल खुले हैं, जहां पर कुनाफा मिलता है। कुनाफा से पहले दिल्ली में तुर्किश कबाब को काफी पसंद किया जाता रहा है। यह कबाब काफी मसालेदार और तीखे होते हैं, जिनका स्वाद अक्सर लोगों को पसंद आता है।
क्यों है तुर्किश टी फेमस? (Boycott Turkey)
दिल्ली के शाहीन बाग की बात करें, तो यहां पर च्तुर्किश टीज्, च्कुनाफाज् और च्तुर्किश कबाबज् काफी मशहूर हैं। यहां पर लोग दूर-दूर से इनके स्वाद के लिए आते हैं। अगर इजराइल की तरह ही तुर्की का बायकॉट होता है, तो होटलों में इन डिशों की मांग घटने की संभावना है। तुर्किश टी लोगों को लुभाती है, क्योंकि इसे एक कांच के बड़े से ग्लास में सर्व किया जाता है। हालांकि, इसका टेस्ट कुछ खास नहीं होता है, लेकिन यह देखने में काफी अच्छी लगती है, जिसकी वजह से लोग इसे पीना पसंद करते हैं।
तुर्की से आया शवरमा (Boycott Turkey)
सालों से शवरमा दिल्ली के लोगों की पसंद बना हुआ है। यह एक रोल होता है, जिसमें की जाने वाली फिलिंग (चिकन और मटन) को हल्की आंच पर पकाया जाता है। यह एक रोलर में लगा होता है, जिसके नीचें धीमी-धीमी आग जलाई जाती है। इसकी ऊपरी परत को निकाला जाता है और उसे बहुत सी चीजों के साथ मिलाकर एक रोल बना दिया जाता है। एक रोल के दो टुकड़े किए जाते हैं, इसमें चीज और मेयोनेज का मिक्सचर काफी अलग स्वाद देता है।भारत में इन डिशों की ज्यादा मांग है, लेकिन और भी बहुत सी तुर्की के व्यंजन भारते के होटलों में पकाए जाते हैं। भारत में बायकॉट तुर्की की वजह से इन सभी डिशेज की मांग पर असर पड़ने की संभावना है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा बायकॉट तुर्की
पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। उसकी पनाह में पल रहे आतंकी संगठन लश्करे-तैयबा के आतंकियों ने पहलगाम में अटैक किया और 26 मासूम लोगों की जान ले ली। सुहागिनों के माथे का सिंदूर उजाड़ दिया। पूरी दुनिया ने इसकी निंदा की मगर तुर्की ने इसका समर्थन किया। यही वजह है कि अब भारतीय लोगों के दिल को ठेस पहुंची है, जिसका सीधा असर टर्किश ड्रामा पर पड़ेगा।
कमजोर होगी अर्थव्यवस्था?
ऐसे में ये तो साफ है कि अगर भारत के लोगों द्वारा अगर टर्किश ड्रामा का बायकॉट कर दिया जाए तो इससे उसके मनोरंजन क्षेत्र को काफी नुकसान होगा। इससे उसकी अर्थव्यवस्था भी हिल जाएगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मनोरंजन क्षेत्र में उन्नति का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है।