Khabarwala 24 News New Delhi : Best Drone MegaPixels Camera अब मैदान में आज की लड़ाइयां पहले जैसी नहीं रहीं। हथियारों से ज्यादा टेक्नोलॉजी काम आती है। आजकल आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर ऊपर से हमला भी कर सकते हैं। जंग में इस्तेमाल होने वाले मिलिट्री ड्रोन में आम मोबाइल जैसे 12 या 48 मेगापिक्सल के कैमरे नहीं होते। ये कैमरे बहुत ही हाई-क्वालिटी के होते हैं. जिनकी रेजोल्यूशन 100 मेगापिक्सल या उससे भी ज्यादा हो सकती है। इन कैमरों में सिर्फ मेगापिक्सल ही नहीं, बल्कि जूम कैपेसिटी, नाइट विजन (रात में देखने की कैपेसिटी), और थर्मल इमेजिंग जैसी टेक्नोलॉजी भी होती है।
भारत के पास दुनिया का ताकतवर ड्रोन (Best Drone MegaPixels Camera)
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। 10 मई को भारत पाकिस्तान के बीच सीज फायर तय हुआ था लेकिन पाकिस्तान शायद किसी सीज फायर को मानने वालों में से नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीज फायर के ऐलान के 3-4 घंटों के बाद ही पड़ोसी मुल्क अपनी करतूतों पर उतर आया। पाकिस्तान से लगातार ड्रोन अटैक सामने आ रहे हैं। हालांकि भारत के पास दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन है।
ड्रोन में लगे होते हैं हाई-रेजोल्यूशन कैमरे (Best Drone MegaPixels Camera)
उदाहरण के लिए, MQ-9 Reaper जैसे अमेरिकी ड्रोन में MTS-B मल्टी-स्पेक्ट्रल टारगेटिंग सिस्टम होता है, जो बहुत तेज और साफ तस्वीरें ले सकता है। चाहे वह दिन हो या रात। भारत बीते महीनों में अमेरिका से MQ-9 Reaper की डील कर चुका है। ड्रोन आसमान में 30,000 से 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इतने ऊपर से भी ये नीचे मौजूद टारगेट को साफ देख सकता है क्योंकि इसका कैमरा हाई जूम और AI सिस्टम से लैस होता है।
ड्रोन: आंखों और हथियारों का कॉम्बिनेशन (Best Drone MegaPixels Camera)
ड्रोन का कैमरा जमीन पर बैठे कंट्रोल रूम को लाइव वीडियो और इमेज भेजता है। वहां बैठे ऑपरेटर्स ये तय करते हैं कि हमला कहां और कब करना है। इसके अलावा ड्रोन में GPS सिस्टम और लेजर गाइडेंस होता है, जिससे मिसाइल या बम बिलकुल टारगेट पर जाकर गिरते हैं। ड्रोन का कैमरा ही उसकी आंखें होता है। जितनी अच्छी उसकी नजर, उतनी ही सटीक उसकी मार होगा। यही वजह है कि हर देश अपने ड्रोन को सबसे एडवांस कैमरा टेक्नोलॉजी से लैस कर रहा है।