Amritpal Singh अमृतपाल ने जेल से जीता चुनाव, क्या शपथ ग्रहण के लिए सलाखों से बाहर आना पड़ेगा?

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Khabarwala 24 News New Delhi: Amritpal Singh असम की डिब्रूगढ़ जेल में वारिस पंजाब दे के मुखिया और अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह को रखा गया है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में है, जहां से उन्होंने पंजाब की सीट पर चुनाव लड़ा और जीता भी। अब सवाल है कि यह शपथ ग्रहण करने के लिए संसद कैसे जाएंगे। क्या होगी पूरी प्रक्रिया। चलिए जानते हैं।

क्या होगी पूरी प्रक्रिया (Amritpal Singh)

भारत में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ गए हैं। सभी 543 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, जिसने सबको खूब चौंकाया है। इससे भी ज्यादा चौंकाया है दो और अहम सीटों के परिणाम ने। एक सीट है कश्मीर की तो दूसरी पंजाब की। यहां से दो कट्टरपंथी जेल में रहकर चुनाव जीत चुके हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि ये दोनों शपथ ग्रहण करने के लिए संसद कैसे जाएंगेष।क्या होगी पूरी प्रक्रिया?

जेल से जीत की हासिल (Amritpal Singh)

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं इंजीनियर शेख अब्दुल राशिद। उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में है। वहीं से शेख अब्दुल राशिद ने बारामूला सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और बाजी मार भी ली। ऐसे ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में वारिस पंजाब दे के मुखिया और अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह को रखा गया है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में है, जहां से चुनाव लड़ा। अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है।

शपथ ग्रहण कैसे होगी ? (Amritpal Singh)

Amritpal Singh जहां तक इन दोनों के शपथ ग्रहण के लिए संसद जाने की बात है, तो इसके लिए उन्हें कानून के रास्ते पर चलना होगा। भले ही ये दोनों कानून का पालन न करने के आरोपों में जेल में बंद हैं पर अब इन्हें कानून ही संसद तक पहुंचाएगा। अमृतपाल और राशिद को शपथ ग्रहण के लिए अदालत जाकर अनुमति मांगनी होगी.। अनुमति मिलने के बाद वे कड़े सुरक्षा घेरे में शपथ के लिए जा सकते हैं। वैसे, इन दोनों की शपथ टाली तो जा सकती है लेकिन रोकी नहीं जा सकती।

कोर्ट की ओर से तय शर्तों पर शपथ लेने जाएंगे (Amritpal Singh)

कानून के जानकार बताते हैं कि पारंपरिक प्रक्रिया के अनुसार, सबसे पहले स्पीकर की ओर से उस जेल के अधीक्षक को शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा, जहां किसी सीट से जीता कोई आरोपी बंद है। इन दोनों के मामले में भी ऐसा ही होगा। चूंकि दोनों ही न्यायिक हिरासत में रखे गए हैं, इसलिए जेल अधीक्षक को भी अदालत को सूचित कर अनुमति लेनी होगी। इसके बाद कोर्ट की ओर से तय की गई सुरक्षा की शर्तों पर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए उन्हें संसद ले जाने की अनुमति दी जाएगी।

कड़ा सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी (Amritpal Singh)

जेल के अधिकारियों के अनुसार अदालत की अनुमति पर ही जेल से संसद तक दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में ले जाया जाएगा। इस दौरान उनके लिए संसद के अधिकारियों या अन्य सांसदों के अलावा मोबाइल के इस्तेमाल या किसी और व्यक्ति से मिलने पर रोक रहेगी। एसीपी और फिर इंस्पेक्टर की रैंक के अधिकारी इनको एस्कॉर्ट कर संसद तक कड़ी सुरक्षा में पहुंचाएंगे। जेल से इन्हें संसद तक ले जाने वाली पुलिस टीमें केवल संसद के गेट तक जाएंगी। वहां पर आरोपी संसदों को संसद की अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया जाए। संसद की सुरक्षा उन्हें आगे सदन में ले जाएंगे।
यहां यह बताना जरूरी है कि संसद के अंदर जाते ही दोनों आरोपी सांसदों को वे सभी अधिकार मिल जाएंगे, जो अन्य सभी सांसदों को मिलते हैं. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह हो या संसद का कोई सत्र, जेल से वहां आने-जाने के लिए जेल में बंद आरोपी सांसदों को हर बार कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। हर बार पुलिस को उन्हें कड़े सुरक्षा घेरे में संसद ले जाना होगा। वापसी में भी उसी तरह का सुरक्षा घेरा इनके आसपास रहेगा।

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