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Queen of Millets प्यार से क्वीन ऑफ मिलेट नाम से पहचानी जाती हैं ओडिशा की एक आदिवासी किसान रायमती घुरिया

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Khabarwala 24 News New Delhi : Queen of Millets प्यार से “क्वीन ऑफ मिलेट’ नाम से पहचानी जाती हैं ओडिशा की एक आदिवासी किसान रायमती घुरिया। कोरापुट जिले की रहने वाली रायमती घुरिया ने अब तक मिलेट की 30 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया है। सातवीं पास रायमती का कृषि और बीज संरक्षण के प्रति लगाव आज उनकी पहचान बन गया है। उन्होंने धान की 72 पारंपरिक किस्मों और मिलेट की 30 किस्मों को संरक्षित किया है। जिनमें कुंद्रा, बाटी, मंडिया, जसरा, जुआना और जामकोली जैसे दुर्लभ किस्में शामिल हैं।

फसलों को संरक्षित करने के तरीके सीखे (Queen of Millets)

ओडिशा के कोरापुट जिले के एक किसान परिवार से आने वाली रायमती, हमेशा से पद्म श्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी से प्रेरित थीं। रायमती ने उन्हीं से फसलों को संरक्षित करने के तरीके सीखे थे। रायमती कहती हैं, “मुझे स्कूल की शिक्षा याद नहीं है, मैं केवल मिलेट का संरक्षण और उगाना जानती हूं, जो मैंने खेतों पर सीखा था।”

घर के काम के साथ खेती से दूर नहीं किया (Queen of Millets)

16 साल की छोटी उम्र में शादी होने के बाद उनका जीवन घर के काम में ही उलझ कर रह गया था। बावजूद इसके उन्होंने अपने आप को खेती से कभी दूर नहीं किया। देसी फसलों की खेती से उन्हें विशेष लगाव था। उन्होंने अपने आस-पास के किसानों के साथ मिलकर मिलेट की किस्मों को संरक्षित करना शुरू किया।

गांव की महिलाओं को ट्रैनिंग देना शुरू किया (Queen of Millets)

अपने काम के लिए वह चेन्नई स्थित एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) नाम की संस्था से जुड़ीं, जहां उन्होंने आधुनिक संरक्षण का कौशल सीखा। धीरे-धीरे गांव की महिलाओं को ट्रैनिंग देना शुरू किया।

मूल्यवर्धित उत्पाद बनाकर बेचने की प्रेरणा (Queen of Millets)

वह अब तक लगभग 2,500 किसानों को मिलेट की खेती का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। रायमती ने न सिर्फ इसकी खेती पर जोर दिया, बल्कि महिलाओं को मिलेट का इस्तेमाल करके पकोड़े और लड्डू जैसे मूल्यवर्धित उत्पाद बनाकर स्थानीय बाजार में बेचने के लिए भी प्रेरित किया।

अपने गाँव में एक फार्म स्कूल भी बनवाया है (Queen of Millets)

उन्होंने इस काम के लिए अपने गाँव में एक फार्म स्कूल भी बनवाया है। यह रायमती के प्रयास ही है, जिसके कारण आज वह अपने गांव से निकलकर नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन तक पहुंच गईं। रायमती और उनके प्रयास देश में खेती के भविष्य को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ, युवाओं को भी प्रेरणा दे रहे हैं।

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