Khabarwala 24 News Hapur: यूपी के जनपद Hapur में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच की लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर हापुड़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य बहिष्कार किया, जिससे वादकारियों को परेशानी हुई। दोपहर में तहसील चौपला पर पहुंचे वकीलों ने चक्का जाम कर मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन एसडीएम सदर ईला प्रकाश को सौंपा गया, जिसमें बेंच स्थापना के लिए केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। यह प्रदर्शन मेरठ, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बुलंदशहर और बागपत समेत पूरे पश्चिमी यूपी के जिलों में एक साथ हुआ, जो दशकों पुरानी मांग को नई जान दे रहा है।

न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता (Hapur)
हापुड़ बार एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष संजय कंसल की अध्यक्षता में हुई, जिसका संचालन सचिव वीरेंद्र सैनी ने किया। बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर बेंच की मांग को लेकर न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। दोपहर को अध्यक्ष व सचिव के नेतृत्व में अधिवक्ता नारेबाजी करते हुए तहसील चौपला पहुंचे। यहां उन्होंने चक्का जाम कर मानव श्रृंखला बनाई और “पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच हो, न्याय सुलभ हो” जैसे नारे लगाए।
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— khabarwala24 (@khabarwala24) September 20, 2025
ज्ञापन की मुख्य मांगे: (Hapur)
ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट (प्रयागराज) में स्थित है, जबकि लखनऊ बेंच को केवल आसपास के 15 जिलों का क्षेत्राधिकार मिला है। पश्चिमी यूपी के 22 जिलों (सहारनपुर, मेरठ, आगरा, मुरादाबाद आदि) का क्षेत्राधिकार इलाहाबाद को दिया गया है, जहां सहारनपुर से कोर्ट की दूरी 850 किमी से अधिक है। इन 22 जिलों की आबादी 7 करोड़ से ज्यादा है, और अधिवक्ता 50 वर्षों से बेंच स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ज्ञापन में उल्लेख है:
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सुगम व सुलभ न्याय का अधिकार: प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन 500-850 किमी की दूरी से वादकारियों को आर्थिक व शारीरिक परेशानी होती है।
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सरकारी उदासीनता: केंद्र सरकार ने दशकों के संघर्ष के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया, जिससे अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।
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अनुरोध: प्रधानमंत्री से अपील की गई कि केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दें कि मेरठ या नोएडा जैसे शहर में स्थायी बेंच स्थापित की जाए, ताकि सस्ता व त्वरित न्याय मिले।
यह मांग 1970 के दशक से चली आ रही है, और हाल ही में सांसद अरुण गोविल ने मेरठ बार एसोसिएशन को पीएम से मिलने का आश्वासन दिया है। पश्चिमी यूपी के अधिवक्ता संगठन इसे “न्यायिक अन्याय” बता रहे हैं, क्योंकि पूर्वी यूपी व लखनऊ को बेंच मिला, लेकिन पश्चिम को नहीं।

यह रहे मौजूद (Hapur)
प्रदर्शन में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कंसल, सचिव वीरेंद्र सैनी, अजित चौधरी, गजेंद्र सिंह चौहान, भोपाल सिसोदिया, अनिल सिसोदिया, प्रवीण गुप्ता, अनुज शर्मा, पुरुषोत्तम वर्मा, सन्नी त्यागी, आलोक शर्मा, मोहित पाल, सुधांशु दत्त शर्मा, पीयूष शर्मा समेत सैकड़ों अधिवक्ता शामिल हुए।


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