पाकिस्तान: केपी में डेंगू का प्रकोप बढ़ा, एक शख्स की मौत, मामले 3 हजार के पार

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (khabarwala24)। अपनी ही सेना के एयर स्ट्राइक, अफगानिस्तान के हमलों और सियासी घमासान के जंजाल में फंसे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा को अब डेंगू परेशान कर रहा है। पीड़ितों की संख्या तीन हजार के पार पहुंच गई है जबकि एक शख्स की मौत हो गई है।

मीडिया हाउस ‘हम’ ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि मर्दन के 30 वर्षीय व्यक्ति की डेंगू से जुड़ी जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई, जो इस वर्ष खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में मच्छर जनित बीमारी से हुई पहली मौत है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मरीज को 30 सितंबर को मर्दन मेडिकल कॉम्प्लेक्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि, दो दिन बाद ही घर चला गया। चिकित्सकों का मानना ​​है कि घर पर बिना निगरानी के इंट्रावेनस डेक्सट्रोज ड्रिप लगाने के कारण उनकी हालत काफी बिगड़ गई। मृत्यु से दो दिन पहले उसे उसी अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

इस बीच, पाकिस्तान की एकीकृत रोग निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली (आईडीएसआरएस) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में डेंगू के 34 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे इस वर्ष पुष्ट संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 3,236 हो गई है।

वर्तमान में, 57 मरीज अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जिनमें 10 को हाल ही में भर्ती कराया गया है। अब तक, वायरस के कारण 1,365 लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है, जबकि 2,990 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रांत में 245 सक्रिय मामले हैं।

चारसद्दा 1,008 पुष्ट मामलों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बना हुआ है, इसके बाद हरिपुर (301), मनसेहरा (299), पेशावर (294), मर्दन (253), स्वाबी (132), कोहाट (125) और एबटाबाद (114) का स्थान है।

डॉन की एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पेशावर के सुफैद ढेरी इलाके में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा हाल ही में किए गए एक क्षेत्रीय दौरे में लगभग हर घर में डेंगू के लार्वा पाए गए, और 16 निवासियों में चिकनगुनिया, एक अन्य मच्छर जनित बीमारी को लेकर किए गए टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

बलूचिस्तान के पंजगुर के भी हालात कुछ खास अच्छे नहीं हैं। हाल ही में निवासियों ने चिकित्सीय सुविधाओं को नाकाफी बताते हुए प्रशासन को बढ़ते प्रकोप के लिए जिम्मेदार ठहराया था। कहा कि अधिकारियों द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव करने में असमर्थता और एक समर्पित डेंगू नियंत्रण इकाई की कमी ने इस प्रकोप को और बढ़ा दिया है।

एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया था कि पंजगुर की आबादी लगभग दस लाख है, फिर भी डेंगू से निपटने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार, वर्षों से मच्छर-रोधी स्प्रे अभियान प्रतीकात्मक ही रहे, ये वास्तविक कार्रवाई के बजाय केवल फोटो खिंचवाने तक सीमित रहे हैं।

उन्होंने बलूचिस्तान सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) से चिकित्सा दल भेजने और प्रकोप को रोकने के लिए आपातकालीन उपाय करने का अनुरोध किया।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

-Advertisement-

Breaking News

-Advertisement-